राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) प्रमुख जयंत चौधरी ने अपना सरनेम बदल दिया है। जयंत ने अपने सरनेम में बिश्नोई जोड़ लिया है। ये फैसला उन्होंने एक महीने के लिए लिया है। उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया है कि ऐसा वो इसलिए कर रहे हैं, ताकि जाति और धर्म आधारित भेदभाव न हो। माना जा रहा है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद बिश्नोई समाज को टारगेट किया जा रहा और इसलिए उन्होंने ये फैसला लिया है।
जयंत चौधरी ने अपने ट्विटर हैंडल पर अपने नाम के आगे बिश्नोई जोड़ा। साथ ही उन्होंने ट्वीट कर इसके पीछे का तर्क दिया। जयंत चौधरी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “क्या आप जानते हैं, मेरे नाम में चौधरी अजित सिंह जी की इच्छा अनुरूप कुमार भी है? माताजी के स्मृति में और शांतिप्रिय बिश्नोई समाज के सम्मान में जून माह के लिए ट्विटर पर नाम जोड़ा है। ऐसे वक्त जब धर्म और जाति पर आधारित बँटवारों पर चर्चा है, शायद कुछ लोगों के आँखों से पर्दे उठ जाएँ।”
बता दें कि पंजाबी गायक सिद्धू सिद्धू मूसेवाला की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम सामने आ रहा है और सोशल मीडिया पर लोग बिश्नोई समाज को टारगेट भी कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन्ही सब घटनाक्रम को देखते हुए जयंत चौधरी ने सरनेम बिश्नोई रखने का फैसला किया है। हालांकि उन्होंने पूरी वजह ये नहीं बताई है।
मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या 29 मई को उनके गाँव के पास की गई थी। उनकी गाड़ी पर दो दर्जन से अधिक गोलियां बरसाई गई थी और उनकी मृत्यु हो गई थी। घटना की जिम्मेदारी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से गोल्डी बरार ने ली थी।
जयंत चौधरी के कदम पर मेजर कुलवंत सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “लेकिन आपको सिद्धु मूसेवाला के माँ-बाप से मिलने व उनका दुःख साँझा करने के लिए खुद मूसा गाँव जाना चाहिये।” वहीं चेतन्य नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “जाट भाई विजय बेनीवाल की जम्मू कश्मीर में इस्लामिक आतंकवादियों ने हत्या कर दी और उन आतंकवादियों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा आपने।”
उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल का गठबंधन समाजवादी पार्टी के साथ है और वो सपा के समर्थन से राज्यसभा भी जा रहे हैं। आरएलडी के 8 विधायक विधानसभा चुनाव में चुनकर आये हैं। जयंत चौधरी निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुने गए, क्योंकि 11 सीटें खली हुई थी और 11 उम्मीदवार मैदान में थे। समाजवादी पार्टी ने जयंत चौधरी के अलावा मशहूर वकील कपिल सिब्बल को भी अपने समर्थन से राज्यसभा भेजा है। कपिल सिब्बल ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा था।