विधानसभा चुनावों के बाद उत्तर प्रदेश में विधान परिषद चुनावों में भी समाजवादी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। विधान परिषद चुनाव में सपा का खाता नहीं खुल सका, जबकि भाजपा ने 36 में से 33 सीटों पर कब्जा किया और तीन सीटें अन्य के खाते में गईं। विधान परिषद चुनावों में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार भाजपा के सामने क्यों नहीं टिक सके, इस पर सपा के उम्मीदवारों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। गोरखपुर से सपा प्रत्याशी रजनीश यादव ने कहा कि ये चुनाव धन-बल का चुनाव होता है और ये सभी लोग जानते हैं। वहीं, एक अन्य सपा उम्मीदवार ने कहा कि दबाव के कारण प्रधान वोट नहीं कर पाए।
‘यूपी तक’ से बात करते हुए रजनीश यादव ने कहा, “मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं, मैं एक कार्यकर्ता की तरह लड़ा और मुझे इसका कोई दु:ख नहीं है।” झांसी सीट पर भी सपा उम्मीदवार को भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा। झांसी सीट पर रमा निरंजन ने जीत दर्ज की। उन्होंने यहां से सपा उम्मीदवार श्याम सुंदर यादव को हराया। हार के बाद श्याम सुंदर यादव ने कहा, “कहीं न कहीं सत्ता पक्ष का दबाव रहता है।”
सपा उम्मीदवार ने कहा, “जो प्रधान थे, वो अपना वोट देना चाहते थे लेकिन सत्ता का इतना दबाव रहा कि वे भयभीत हो गए।” सपा उम्मीदवार ने आरोप लगाया, “दबाव इतना था कि हम आपको 5 साल नहीं चलाने देंगे, हमारी सरकार रहेगी, इस तरह से वे लोग दब गए। वे लोग डर गए, दबे रहे और मत नहीं दे पाए।” हालांकि, सपा उम्मीदवार ने साथ ही साथ यह भी कहा कि चुनाव निष्पक्ष हुआ और प्रशासन की तरफ से कोई परेशानी नहीं हुई।
इसी तरह, फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हीरालाल यादव ने भी भाजपा प्रत्याशी के हाथों हार के बाद शासन-प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि प्रशासन और सरकार दोनों तरफ से गड़बड़ी हुई। बस्ती से सपा प्रत्याशी संतोष यादव ने भी प्रशासन पर गड़बड़ी और चुनाव आयोग पर आंख मूंद लेने का आरोप लगाया।