उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में किसी और के नाम पर जारी वारंट पर पुलिस ने किसी और को गिरफ्तार कर लिया। पीड़ित की मां ने सांसद मेनका गांधी से इसकी शिकायत की तो सांसद का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने फोन पर ही पुलिस निरीक्षक को फटकार लगाकर कहा कि ये सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
न्यूज 24 की खबर के मुताबिक सुल्तानपुर में पुलिस के निर्दोष को लॉकअप में डालने के मामले में सांसद मेनका गांधी ने थानाध्यक्ष को फोन पर जमकर फटकारा। उन्होंने कहा कि बेवजह पिटाई का ये क्या तरीका है। पहले आपको खुद जांच करनी था। उसके बाद ही कोई एक्शन लेना था।
मामले के मुताबिक मामला जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के चोरमा गांव से जुड़ा हुआ है। गांव की महिला भानमती ने मेनका से शिकायत करते हुए पुलिस पर बेटे की पिटाई व पैसे छीनने का आरोप लगाया। उसके बाद सांसद ने जयसिंहपुर कोतवाल से फोन पर बात की। गुस्से में भड़की सांसद के तेवर देखकर कोतवाल के हाथ पैर फूल गए। उसने उनको बताया कि सिपाही को डायल 112 पर स्थानांतरित कर दिया गया है। सांसद ने महिला के पैसे भी वापस दिलाने के लिए भी कहा है।
उधर, ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों ने जमकर पुलिस पर भड़ास निकाली। एक ने लिखा कि इस फटकार का पुलिस के ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा कुछ नहीं। शुक्र है बस पिटाई की वरना पुलिस फर्जी एनकाउंटर ऐसे ही कर देती है। पुलिस कुछ भी कर सकती है। एक यूजर का कहना था कि यूपी का हाल सबको पता है। पहले एक्शन फिर जांच। देखा नहीं कि कैसे कई बेकसूर लोगों को भी पुलिस ने ठोक दिया।
मेनका गांधी की पहचान राजनीति के अलग एक पशु अधिकारवादी और पर्यावरणविद के रूप में भी है। उनकी संजय गांधी से 17 साल की उम्र में हुई थी। 1980 को एक विमान हादसे में संजय गांधी की मौत के बाद मेनका इंदिरा गांधी के परिवार से अलग हो गई थीं। उन्होंने 1989 में पहली बार पीलीभीत लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। वो लोकसभा के 7 चुनाव जीत चुकी हैं। फिलहाल वो सुल्तानपुर से सांसद हैं।