उत्तर प्रदेश के नोएडा के स्थानीय पार्क में नमाज अदा करने पर शुरू हुआ विवाद अब राजनीतिक गलियारों में तूल पकड़ने लगा है। प्रशासन द्वारा पार्क में शुक्रवार की नमाज अदा करने पर रोक लगा दी गई है, लेकिन बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। एक ओर जहां विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि पार्क में नमाज अदा करना मस्जिद के लिए जमीन कब्जाने की साजिश है। वहीं, सपा ने प्रशासन की कार्रवाई को अनुचित बताया है। बता दें कि नोएडा के एक पुलिस थाने ने 23 निजी कंपनियों को नोटिस भेजकर अपने कर्मचारियों को स्थानीय पार्क में शुक्रवार की नमाज अदा करने से रोकने को कहा है। इसके साथ ही प्रशासन ने मंगलवार (25 दिसंबर) को कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर ‘‘अनाधिकृत’’ धार्मिक जमावड़े की अनुमति नहीं दी जाएगी।

विश्व हिंदू परिषद के नेता विनोद बंसल ने कहा, “पार्क में नमाज अदा करने की नौबत क्यों आयी? यह विचारनीय विषय है। आखिरकार पुलिस को हस्तक्षेप क्यों करना पड़ा? इसकी वजह ये है कि कानून का पालन न करना, जमीन पर कब्जा करना, स्थानीय लोगों को धमकी देना, ये इनकी फिदरत बन गया है। ये नोएडा तो एक हिस्सा है। इसके अलावा देश के किसी भी हिस्से में चले जाइए, जहां पर मुस्लिम बहुल क्षेत्र नहीं होता वहां पर ये लोग वहां पर पहले चार-पांच, फिर 10-12, फिर 50-60, फिर 500-1000 की संख्या में सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ते हैं। इसके बाद अस्थायी निर्माण करते हैं और फिर उसके बाद बड़ी मस्जिद बन जाती है। इसे वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया जाता है।”

वहीं, दूसरी ओर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य सुरेन्द्र सिंह नागर ने प्रशासन की ओर से लगाई गई रोक की निंदा करते हुए इसे अनुचित कदम बताया है। नागर ने आरोप लगाया कि पुलिस और जिला प्रशासन सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। भाजपा सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए ऐसे धार्मिक मुद्दे को तूल दे रही है, जिससे लोगों का ध्यान विकास कार्यों से भटकाया जा सके। सपा नेता ने आरोप लगाया कि नोएडा में पिछले डेढ-दो वर्षों में सरकार ने विकास का एक भी कार्य नहीं हुआ है। कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है। ऐसे में पुलिस प्रशासन की यह कार्यवाही उचित नहीं है। प्रशासन को इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के बाद ही कोई फरमान जारी करना चाहिए। (एजेंसी इनपुट के साथ)