वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। 187 वर्षों के बाद मंदिर के गर्भगृह के अंदर की दीवारों पर सोने की परतें चढ़ाई गई हैं। स्वर्ण परतों के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के अंदर की पीली रोशनी हर किसी को सम्मोहित कर रही है। मंदिर में गर्भगृह को सोने से स्वर्णमंडित कराने का काम लगभग पूरा हो चुका है।

सूत्रों के मुताबिक, दक्षिण भारत के एक श्रद्धालु ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर मंदिर प्रशासन के साथ मिलकर गर्भगृह में सोना मढ़वाया है। गुप्त दान करने वाला ये शख्स पीएम मोदी से काफी प्रभावित बताया जा रहा है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि श्रद्धालु ने पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन के वजन के बराबर सोना दान किया है। महाशिवरात्रि से पहले विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह स्वर्णजड़ित हो गया है।

बूथ विजय सम्मेलन में शामिल होने के बाद रविवार की शाम को पीएम नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे थे। पीएम मोदी रविवार शाम करीब 6 बजे मंदिर परिसर पहुंचे थे। मंदिर के गर्भ गृह में चल रहे स्वर्ण मंडन के कार्य के पूर्ण होने के पश्चात पहली बार पूजा करने पहुंचे पीएम मोदी ने इसे अद्भुत और अकल्पनीय बताया।

पीएम मोदी ने मंदिर में की पूजा-अर्चना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर परिसर के अंदर चारों ओर लगे स्वर्ण के कार्य को देखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि दीवारों पर उकेरी गई विभिन्न देवताओं की आकृतियां स्वर्णमंडन के बाद और भी स्पष्ट नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि स्वर्ण मंडन के बाद मंदिर के गर्भगृह की आभा कई गुनी बढ़ गई है।

इसके पहले, रविवार को पीएम मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा था। पीएम मोदी ने कहा कि ये जिंदा शहर बनारस है। परिवारवादी लोग इसे नहीं समझ सकते कि यहां से मुक्ति का मार्ग खुलता है। पीएम मोदी ने कहा, मरते दम तक मैं काशी की सेवा करता रहूंगा।