उत्तर प्रदेश के बांदा में किसानों प्रदर्शन के खिलाफ प्रशासन इतना नाराज हुआ कि अनशन स्थल की बिजली ही काट दी। किसान पेयजल संकट और केन नदी में अवैध खनन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। जब किसानों ने ऐसा करने के पीछे वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि प्रशासनिक दबाव की वजह से ऐसा किया गया है।
बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल शर्मा ने बताया कि ‘हम प्रर्दशन कर रहे थे और वहां बिजली विभाग के अधिकारी आए और अचानक ही बिजली काट दी। जब हमने उनसे इसके पीछे की वजह पूछी तो उन्होंने बताया कि एक विधायक और अधिकारियों के दबाव की वजह से ऐसा क्या किया गया है।’
उन्होंने आगे कहा ‘शनिवार को प्रदर्शन स्थल पर सीओ और सिटी मजिस्ट्रेट अनशन तुड़वाने आए थे लेकिन हमने उनसे कहा था कि जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तबतक अनशन खत्म नहीं होगा। इसके बाद उन्होंने बिजली ही काट दी। हमने अनशन पर बैठने से पहले बकायदा संबधित विभाग से बिजली उपयोग की अनुमति भी ले ली थी लेकिन फिर भी उन्होंने ऐसा किया।’
कहा कि हम सभी किसान केन नदी में चल रहे अवैध खनन के खिलाफ एकजूट होकर इसका विरोध कर रहे हैं। नदी में तीन मशीनों को स्थापित किया गया है अगर वह इसे नहीं हटाते हैं तो हम खुद नदीं कूच कर मशीनों को हटाएंगे।
वहीं चित्रकूटधाम मण्डल बांदा के बिजली विभाग के मुख्य अधीक्षण अभियंता के.के. भारद्वाज ने कहा कि मेरे पास बिजली के गलत इस्तेमाल की शिकायतें आई थीं। जिसके बाद मैंने एसडीओ को मामले पर नजर रखने के लिए कहा। अगर उन्होंने बिजली काट दी तो उन्होंने ऐसा सोच समझकर ही किया होगा।