उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सभी विधायकों को फील्ड में रहने का निर्देश दिया है, तो वहीं मंत्रियों को भी समय-समय पर निरीक्षण करने को कहा है। पिछले कुछ दिनों में यूपी सरकार के कई मंत्रियों को आपने निरीक्षण करते हुए देखा है। लेकिन यूपी के मत्स्य मंत्री संजय निषाद की जगह उनके बेटे विभाग के कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं, जिसपर अब विवाद शुरू हो गया है।

दरअसल प्रवीण निषाद अपने पिता और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद का कार्य कर रहें हैं और मत्स्य विभाग के अधिकारी भी उनके प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। प्रवीण निषाद संतकबीरनगर से लोकसभा सांसद हैं। 19 अप्रैल को प्रवीण निषाद ने शारदा सागर जलाशय का विभाग के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया और सोशल मीडिया पर जानकारी दी, जिसके बाद संजय निषाद पर सवाल उठने लगे। निरीक्षण के दौरान विभाग के बड़े अधिकारी भी उनके साथ रहें और प्रवीण निषाद ने अधिकारियों को मत्स्य डिपो को हाईटेक फिश मंडी में विकसित करने का निर्देश भी दिया।

निरीक्षण की जानकारी देते हुए प्रवीण निषाद ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, “आज पीलीभीत स्थित मत्स्य विभाग के ‘शारदा सागर जलाशय’ पर मत्स्य विभाग के मंडलीय अधिकारी श्री अनिल सिंह जी, शारदा सागर के प्रभारी श्री श्यामलाल निषाद जी ने निरीक्षण कर “मत्स्य डिपो” को उच्च सुविधायुक्त हाईटेक फिश मंडी के रूप में विकसित करने के लिए प्रस्तावित किया।”

प्रवीण निषाद के इस कदम का कई लोगों ने विरोध किया क्योंकि प्रोटोकॉल के अनुसार अधिकारियों को निर्देश कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ही दे सकते हैं और प्रवीण निषाद ने इसका उल्लंघन किया है। कई पत्रकारों ने भी इस मुद्दे पर प्रवीण निषाद का विरोध किया।

हाल ही में यूपी सरकार में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह झांसी में नहरों के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। लेकिन नहरों में गंदगी देख कर स्वतंत्र देव सिंह अधिकारियों पर भड़क गए और एक विवादित बयान भी दे डाला। अधिकारी को फटकार लगाते हुए स्वतंत्र देव सिंह ने कह डाला था कि पैसे कमाना बुरी बात नहीं है लेकिन पूरे पैसे को डकार जाना बुरी बात है। उनके इस बयान पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा था।