बसपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री पर पुलिस के छापे भले ही खत्म हो चुके हों, लेकिन मीट को नष्ट करने की कार्रवाई अभी भी चल रही है। बंद पड़े इस फैक्ट्री से करीब 31 टन मीट बरामद किया गया था। जिसे अब नष्ट किया जा रहा है।

बता दें कि शुक्रवार को पुलिस के साथ-साथ कई विभागों ने याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री पर छापा मारा था। पुलिस को जानकारी मिली थी कि बंद होने के बाद भी इस फैक्ट्री में काम चल रहा है और मीट की पैकेजिंग की जा रही है। इन्हीं आरोपों को लेकर कई विभागों की टीमों ने छापा मारा था।

इस छापे के दौरान वहां से भारी मात्रा में मीट बरामद किया गया था। जिसे जब्त करके सैंपल को जांच के लिए अलग-अलग लैब भेज दिया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस फैक्ट्री को 2019 में सील कर दिया गया था।

एबीपी न्यूज के अनुसार यहां से करीब 31 टन मीट बरामद हुआ है। जिसमें से छह टन मीट को सोमवार को नष्ट कर दिया गया। बाकी बचे हुए 25 टन मीट को भी जल्द ही नष्ट कर दिया जाएगा। पुलिस ने इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें से 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। हालांकि पूर्व मंत्री कुरैशी अभी तक सामने नहीं आए हैं। उनके बेटे का कहना है कि फैक्ट्री में कोई अवैध काम नहीं होता है।

पुलिस, बसपा नेता के घर पर नोटिस भी चिपकाने गई थी, लेकिन कुरैशी के दामाद की मौत की खबर के बाद टीम वापस लौट गई। पुलिस ने कहा है कि वो पहले उन्हें पूछताछ के लिए बुलाएगी फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बताया जा रहा है कि बंद पड़ी इस फैक्ट्री में मीट की प्रोसेसिंग की जा रही थी। इसे यहां से पैक करके विदेशों में भेजा जा रहा था, हालांकि मीट कहां से कटकर आ रहा था, ये अभी तक पता नहीं चल पाया है। वहीं पुलिस, फैक्ट्री के मैनेजर को पकड़ने के लिए लगातार कई जगहों पर दबिश दे रही है, मैनेजर ही बता पाएगा कि मीट कहां से कटकर आ रहा था और पैक होकर कहां एक्सपोर्ट हो रहा था।

सवाल ये है कि बंद पड़ी फैक्ट्री में इतने दिनों से मीट की पैकेजिंग हो रही थी और प्रशासन को भनक तक नहीं लगी? कहा जा रहा है इसमें कुछ विभागों की मिलीभगत भी हो सकती है। पुलिस इन आरोपों की भी जांच कर रही है।