यूपी के अमेठी की SI रश्मि यादव का शव सरकारी आवास में फंदे से लटका मिला था। मौके पर अब तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिजनों का कहना है कि रश्मि आत्महत्या नहीं कर सकती। आरोप लगाया कि रश्मि की हत्या की गई है। पिता मुन्ना लाल का कहना है कि यादव होने के लेकर उसे परेशान किया जा रहा था। वो असुरक्षित महसूस कर रही थी। लेकिन ट्रांसफर के बाद खुश थी। उनका कहना है कि उनकी बेटी मानसिक तौर पर परेशान थी। उसकी हत्या की गई है।
लखनऊ निवासी मुन्ना लाल यादव की बेटी रश्मि यादव की नियुक्ति 2017 में बतौर उपनिरीक्षक हुई थी। ट्रेनिंग के बाद साल 2018 में रश्मि यादव की तैनाती अमेठी जिले में हुई थी। मार्च 2021 में रश्मि का ट्रांसफर मोहनगंज हुआ था। रश्मि की मौत की सूचना पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा है। वो अपनी तेजतरार्र कार्यशैली के लिए भी मशहूर थी। पिता मुन्ना लाल का आरोप है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती बल्कि उसकी हत्या की गई है।
उधर, पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर साफ तौर पर कुछ कहा जा सकता है। परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की बात भी कही जा रही है। हालांकि पिता ने हत्या का आरोप तो लगाया है पर किसी का नाम नहीं लिया। उनका कहना है कि वो नहीं चाहते कि नाहक ही उनकी वजह से कोई पुलिस के चंगुल में फंस जाए।
पुलिस के मुताबिक रश्मि 22 अप्रैल को सीओ कार्यालय में अफसरों के साथ एक मीटिंग की तैयारी कर रही थीं। 2 बजे वो अपने सरकारी आवास पर चली गईं। करीब 4 बजे मोहनगंज थाने का सब इंस्पेक्टर रश्मि यादव के पास एएसपी के निरीक्षण की जानकारी देने उनके आवास पर पहुंचा। काफी आवाज लगाने के बाद भी जब रूम का दरवाजा नहीं खुला तो एसआई ने रश्मि के मोबाइल पर फोन किया। लेकिन फोन भी रिसीव नहीं हुआ। पुलिस दरवाजा तोड़कर कमरे में घुसी तो रश्मि यादव फंदे से लटक रही थी।
उधर सोशल मीडिया पर लोगों ने पिता से सांत्वना जताई। आशुतोष मिश्रा ने लिखा- क्यों बेटी की आत्मा को दुख दे रहे है आप आप बुजुर्ग है समझदार है समाज को ना तोड़े हम लोग नौकरी कर काम का दबाव है पर किया जा रहा है सबकी मन दिमाग एक जैसा नही होता। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
सूरज दुबे का कहना था कि इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और जहां तक मेरा मानना है कि आप को जाति शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि वो पुलिस अफसर थी।