अर्से पहले आई एक फिल्म में संजय दत्त किसी दूसरे को अपनी जगह पर परीक्षा दिलाकर मेडिकल कोर्स में दाखिले लेते दिखे थे। फिल्म का नाम था मुन्नाभाई एमबीबीएस। उसके बाद के दौर में कई ऐसे मामले सामने आए जब सॉल्वर के जरिए छात्र सफलता हासिल करने की कोशिश करते दिखे। इस मामले में कुछ नए तकनीकी तरीके भी सामने आ चुके हैं। फिलहाल यूपी के लेखपाल एग्जाम में कुछ इसी तरह का वाकया सामने आया है।

यूपी लेखपाल भर्ती परीक्षा में STF ने दो सॉल्वर गैंग का खुलासा किया है। इस मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग परीक्षा के दौरान कान में ब्लूटूथ डिवाइस लगाकर नकल करा रहे थे तो असली परीक्षार्थी की जगह दूसरे को बिठाकर भी परीक्षा पास कराने की जुगत में थे। STF के मुताबिक कैंडिडेट से सॉल्वर गैंग ने 10-10 लाख रुपये लिए थे। उन्हें ब्लूटूथ डिवाइस दी गई थी। कहा गया था कि वे अपनी डिवाइस ऑन रखेंगे। उसे ऐसे कान में लगाकर रखेंगे कि कक्ष निरीक्षक को उन पर शक ना हो। पेपर आउट होते ही ब्लूटूथ डिवाइस से एक-एक सवाल का उत्तर बताने का वादा सॉल्वर गैंग ने किया था।

ध्यान रहे कि यूपी के अयोध्या, अलीगढ़, आगरा, बरेली, मेरठ, गोरखपुर, प्रयागराज, मुरादाबाद, झांसी, कानपुर नगर, लखनऊ और वाराणसी के कुल 501 परीक्षा केंद्रों पर रविवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक राजस्व लेखपाल पद पर भर्ती की मुख्य परीक्षा आयोजित हुई। STF को पहले ही भनक लग गई थी कि परीक्षा में गोलमाल होने वाला है। टीम ने अपनी रणनीति बनाकर मामले का भंडाफोड़ किया तो उसके हाथ एक सॉल्वर गैंग के सरगना विजयकांत पटेल तक पहुंच गए। उसकी निशानदेही पर ही दिनेश यादव, पुष्पेंद्र, जयसिंह पटेल और सोनू पटेल को पकड़ा गया। दूसरे गिरोह का मुखिया नरेंद्र पटेल बताया जा रहा है। STF ने उसे भी धर दबोचा है।

एसटीएफ ने सबसे ज्यादा मुन्नाभाई प्रयागराज से पकड़े हैं। गिरोह के लोग 10 लाख रुपये में परीक्षा पास कराने की गारंटी देते थे। जांच में सामने आया है कि ये गिरोह सॉल्वर को 50 हजार रुपये में हायर करते थे जबकि कैंडिडेट से 10 लाख रुपये लेते थे। बाकी का पैसा इनकी जेब में जाता था। परीक्षा का रिजल्ट ठीक रहे इसके लिए बिहार से भी सॉल्वरों को बुलाया जाता था। STF को इस बात की भनक लग गई थी। टीम ने प्रयागराज के एक केंद्र पर नजर रखी और उसके बाद सारा मामला सामने आ गया।

कानपुर का वीडियो हो रहा वायरल

कानपुर के नवाबगंज में स्थित डीपीएस इंटर कॉलेज से करण नाम के एक युवक को पकड़ा गया है। उसके काम में बेहद छोटे आकार का ब्लूटूथ लगा था। डिवाइस का माइक एटीएम कार्ड जैसी चिप में लगा था। जिससे वो अपनी बात दूसरी तरफ पहुंचा सकता था। परीक्षा शुरू होते ही करण ने पेपर पढ़ना शुरू कर दिया। दूसरी तरफ बैठा सॉल्वर सवाल सुनकर जवाब बता रहा था। फिलहाल प्रयागराज का करण पुलिस के चंगुल में है जबकि सॉल्वर धर पकड़ शुरू होते ही वहां से भाग निकला।

STF का कहना है कि मामले की गहन विवेचना की जा रही है। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के आधार पर कुछ और लोगों को भी अरेस्ट किया जा सकता है। फिलहाल ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि गिरोह के सरगना और कौन सी परीक्षाओं में पैसे लेकर पास कराने की गारंटी देते थे। पहले उन्होंने कहां कहां गोलमाल किया है और पैसा कहां पर खपाया गया?