उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को कौशांबी के सिराथू सीट से चुनाव हराने वाली पल्लवी पटेल के परिवार में चल रही कलह अब सामने आने लगी है। पल्लवी के पति पंकज पटेल ने अपना दल कमेरावादी से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि सास कृष्णा पटेल से मतभेद के चलते उन्होंने पार्टी को अलविदा कहा है। उनके परिवार में चल रहा विवाद पहले भी कई दफा सामने आ चुका है।

पल्लवी के पति फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। अपनी पत्नी के साथ पंकज पटेल भी पार्टी में सक्रिय थे। 2019 में पल्लवी की पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन था। कांग्रेस ने उनके पति पंकज पटेल को फूलपुर से टिकट दिया है। पंकज को इस चुनाव में 32 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। वो भाजपा और सपा उम्मीदवार के बाद तीसरे नंबर पर रहे थे।

पल्लवी फिलहाल यूपी की राजनीति में खासी चर्चाओं में हैं। उन्होंने उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को करीब सात हजार मतों से शिकस्त दी थी। पल्लवी अपना दल (कमेरावादी) प्रमुख कृष्णा पटेल की बड़ी बेटी हैं। पल्लवी ने बायो-टेक्नोलॉजी में डॉक्टरेट किया है। पिता सोनेलाल पटेल के सहयोगी के रूप में उन्होंने 2008 में राजनीति में कदम रखा। सोनेलाल पटेल के निधन के बाद पल्लवी की मां कृष्णा पटेल पार्टी की अध्यक्ष बनीं। जबकि उनकी बहन अनुप्रिया पार्टी की महासचिव बनीं। अनुप्रिया फिलहाल अपना दल (सोनेलाल) की प्रमुख हैं।

अनुप्रिया मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं। लेकिन उनकी अपनी बहन पल्लवी से नहीं बनती। विवाद तब शुरू हुआ जब 2014 में अपना दल अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने पल्लवी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया। अनुप्रिया पटेल ने इसका विरोध किया। अनुप्रिया का कहना था कि पार्टी के संविधान में उपाध्यक्ष का कोई पद नहीं है, इसलिए पल्लवी की नियुक्ति असंवैधानिक है। पार्टी में अनुप्रिया और कृष्णा पटेल गुट में विवाद बढ़ता गया। मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा। 2016 में पार्टी दो धड़े में बंट गई।

फिलहाल सोनेलाल परिवार का एक हिस्सा भाजपा तो दूसरा अखिलेश के साथ है। अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष का अपना दल (सोनेलाल) है। जबकि कृष्णा और पल्लवी पटेल अपना दल (कमेरावादी) में हैं। अनुप्रिया चुनाव में भाजपा के साथ थीं। कृष्णा और पल्लवी समाजवादी पार्टी के साथ थे।