उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में औरैया जिले की बिधूना विधानसभा सीट पर लड़ाई रोचक हो गई है। यहां एक तरफ, देवर ने अपनी भाभी को हराने के लिए पाला बदल लिया तो दूसरी तरफ, बेटी ने अपने पिता के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया और वह अब चुनाव मैदान में उतर गई है। बिधूना विधानसभा सीट से बीजेपी ने रिया शाक्य को मैदान में उतारा है। मौजूदा विधायक विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य ने अपने पिता से ही बगावत कर दी है।

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर विनय शाक्य चुनाव जीते थे। हालांकि, स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं में विनय शाक्य भी शामिल रहे हैं। विनय शाक्य के सपा में जाने के बाद बेटी रिया ने बगावत कर दी। इस बगावत को देख भाजपा ने रिया शाक्य को विधानसभा चुनाव का टिकट दे दिया है।

वहीं, रिया शाक्य के चाचा भाजपा पर अपने घर की बेटी को बरगलाने का आरोप लगा रहे हैं। यूपी तक से बात करते हुए रिया के चाचा कहते हैं, “उसका चाचा होने के नाते मुझे जो भी कोशिश करनी थी, मैंने किया लेकिन उसको बुरी तरह से बरगलाया गया है। मैं उससे पूछना चाहता हूं कि आपको क्या जरूरत पड़ गई कि दूसरे के बरगलाने में आ गई।”

उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति राजनीति कर रहा है, आप पढ़ाई कर रहे थे, घर में रह रहे थे। तो आपको उठाकर प्रमोट करना कि विनय शाक्य की राजनीति खत्म करनी है और चाचा को टिकट न मिले, ये कोशिश करनी है। जिनके परिवार नहीं होते हैं वे परिवार को तोड़ने का काम करते हैं। जिनका परिवार है और वे ऐसा काम कर रहे हैं, तो आने वाला समय इनको जरूर बताएगा कि क्या सही है और क्या गलत है।”

सपा ने भाभी को दिया टिकट, देवर ने भाजपा का दामन थामा

दूसरी तरफ, ऐसी ही स्थिति समाजवादी पार्टी के साथ है। बिधूना से पांच बार विधायक रहे धनीराम वर्मा के छोटे बेटे दिनेश वर्मा ने सपा का दामन छोड़कर भाजपा का हाथ पकड़ लिया। सपा ने दिनेश वर्मा की भाभी रेखा वर्मा को टिकट दिया है और देवर-भाभी के रिश्ते तल्ख रहे हैं, ऐसे में दिनेश ने सपा का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है।

दिनेश वर्मा सपा पर परिवार तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं और उनका कहना है कि सपा ने दो परिवारों को तोड़ने का काम किया है, हम उनको तोड़ देने का काम करेंगे। हालांकि, उनकी भाभी और सपा प्रत्याशी रेखा वर्मा ने कहा कि दिनेश वर्मा के जाने से सपा को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।