उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कई रंग दिखाई दे रहे हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशी तरह-तरह के प्रयोग करने में जुटे हैं। एक तरफ, ग्लैमर का तड़का लगाने की प्रत्याशियों में होड़ सी मची है, वहीं कुछ प्रत्याशी जनता के बीच लो-प्रोफाइल रहकर चुनाव लड़ने की योजना पर काम कर रहें हैं। ऐसा ही उदाहरण गाजीपुर की जमानियां विधानसभा सीट पर देखने को मिल रहा है, जहां कांग्रेस प्रत्याशी एक झोपड़ी से अपना चुनावी कार्यालय संचालित कर रही हैं।

कांग्रेस उम्मीदवार फरजाना झोपड़ी से अपना चुनाव कार्यालय चला रही हैं। इस पर प्रत्याशी पति अहमद शमशाद का कहना है कि झोपड़ी से भी राजनीति होनी चाहिए। जनता से सीधे जुड़कर एहसास दिलाना चाहता हूं कि जनता का व्यक्ति हूं। उन्होंने कहा, “जनता बिना संकोच के और बिना भेदभाव के आए, जनता को पता चलना चाहिए कि मेरा बेटा चुनाव लड़ रहा है।” शमशाद अहमद की पत्नी फरजाना खातून इस चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी हैं।

किसी मुस्लिम उम्मीदवार को आज तक नहीं मिली जीत

गाजीपुर के जमानियां विधानसभा सीट पर एक ऐसा समीकरण है, जो अब तक टूट नहीं पाया है। इस विधानसभा सीट पर सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम समुदाय की है। हालांकि, बावजूद इसके कभी भी इस सीट से मुस्लिम समुदाय का विधायक चुनकर विधानसभा नहीं पहुंच पाया है। इस सीट से कई मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उनमें से किसी के हिस्से अभी तक जीत नहीं आई है। जानकारी के मुताबिक, इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 1 लाख के करीब है।

इतिहास के जानकार अल दीनदार शम्सी म्यूज़ियम एंड रिसर्च सेंटर के संस्थापक कुंअर मुहम्मद नसीम रज़ा खां इस जमानियां के बारे में बताते हुए कहते हैं कि यह क्षेत्र हिन्दू-मुस्लिम एकता, सांझा विरासत और गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है।

2022 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर दो मुस्लिम उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। जमानियां विधानसभा सीट से बीएसपी ने युसुफ फरीद उर्फ परवेज खान को टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस ने फरजाना शमशाद को अपना उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में सबकी निगाहें इस सीट पर टिकी हैं क्या जमानियां अपने मिजाज के मुताबिक ही वोट करेगा या इस चुनाव में नया अध्याय लिखा जाएगा।