आजमगढ़ से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई। दरअसल आजमगढ़ के अलीपुर गांव में ग्राम पंचायत भवन के निर्माण को लेकर एक भूमि चिन्हित की गई है। लेकिन इस भूमि पर पहले से विवाद है और इस पर अवैध कब्जा भी है। इसी को लेकर भाजपा जिला अध्यक्ष ऋषि कांत राय अपने कार्यकर्ताओं के साथ तहसील पहुंचे थे। लेकिन वार्ता के दौरान तहसील कर्मचारियों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हो गई और फिर ये कहासुनी झड़प में बदल गई।
जब बीजेपी जिला अध्यक्ष एसडीएम नजीमाबाद के चेंबर में पहुंचे, उस दौरान तहसीलदार वहां पर पहले से ही मौजूद थे और वह बीजेपी कार्यकर्ताओं की शिकायत कर रहे थे। इसी दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और तहसील प्रशासन के बीच कहासुनी शुरू हो गई और इसके बाद यह कहासुनी झड़प में बदल गई। तहसील प्रशासन ने आरोप लगाया है कि इस दौरान लेखपाल को पीटा गया है और जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया गया।
वहीं इस पूरी घटना पर निजामाबाद के कर्मचारी अध्यक्ष विक्रांत सिंह ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमसे कुछ लोग वार्ता करने आए थे और इस दौरान हमारे लेखपाल और अधिकारियों को पीटा गया। यही पूरा प्रकरण है। हमारे लेखपाल को पीटा गया है। हमारे एसडीएम महोदय के अर्दली को पीटा गया है। हमारे तहसीलदार साहब को भी मारा गया है और उनके साथ अभद्रता की गई है। इसके साथ ही जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया गया है।”
विक्रांत सिंह ने बीजेपी जिला अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह करीब 100 लोगों के साथ आए थे और इसकी सूचना पहले से पुलिस प्रशासन को थी। लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की गई थी और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती नहीं की गई थी।
वहीं घटना के बाद बीजेपी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता तहसील कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हुए थे। इसी बीच लेखपाल द्वारा नारेबाजी की गई, जिससे भाजपा कार्यकर्ता फिर से उत्तेजित हो गए। किसी तरह प्रशासन ने दोनों पक्षों को समझाकर मामला शांत कराया। इस दौरान भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। बीजेपी कार्यकर्ताओं और तहसील प्रशासन के बीच झड़प की सूचना पर कई थानों की पुलिस फोर्स और पीएसी के जवान मौके पर पहुंचे। पूरी घटना के बाद बीजेपी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जिला कार्यालय पहुंचे और काफी देर तक बैठक की।