उत्तर प्रदेश के ब्लॉक प्रमुख चुनावों के दौरान साड़ी खींचे जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। राजनीति की इस नई परिपाटी को लेकर सियासतदानों में तो बहस हो ही रही है अब बुद्धिजीवी वर्ग भी चिंतित दिखाई दे रहा है। देश के तमाम पत्रकारों ने इसकी निंदा की है, इसी कड़ी में टीवी पत्रकार और एंकर प्रज्ञा मिश्रा ने तस्वीरों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि औरत के कपड़े क्या नोचते हो, दम है तो लड़कर जीतो। बकौल प्रज्ञा, ये नामांकन करने आई लखीमपुर की ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी ऋतु की अर्धनग्नन तस्वीर नहीं है। यूपी का लोकतंत्र नंगा हो गया है। कैसे राक्षस नेता हैं। प्रस्तावक प्रत्याशी सबके कपड़े नोच डाले।
औरत के कपड़े क्या नोचते हो..लड़कर जीतो दम है तो..ये नामांकन करने आई लखीमपुर की ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी ऋतु की अर्धनग्नन तस्वीर नहीं है..यूपी का लोकतंत्र नंगा हो गया है..कैसे राक्षस नेता हैं..प्रस्तावक प्रत्याशी सबके कपड़े नोच डाले… pic.twitter.com/tLgK3mQPHu
— Pragya Mishra (@PragyaLive) July 9, 2021
उनकी इस टिप्पणी पर रिटायर्ड आईपीएस डॉ एनसी अस्थाना ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि 5000 साल से ज्यादा वक्त बाद भी इस तरह की घटना अचंभित करने वाली वाली है। इनके लिए चीर-हरण बहुत ही आम नजर आता है। ये उसकी तरह हैं, जैसे दुशासन था।”
Marvel at the remarkable cultural continuity that Indians exhibit even after more than 5000 years. ‘Cheer-haran’ comes so naturally to them. They remain the very same beasts that Dushasan was. No wonder, we are the only country in the world where disrobing is a specific offence!
— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (@NcAsthana) July 9, 2021
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लखीमपुर खीरी में ब्लॉक प्रमुख चुनावों के दौरान सपा प्रत्याशी की साड़ी खींचने का मामला सामने आया है। इस घटना की हर मंच से निंदा की जा रही है। फिलहाल इस मामले में बीजेपी प्रत्याशी रेखा शर्मा के एक रिश्तेदार को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले पर बीजेपी के खिलाफ सभी पार्टियों ने आक्रामक रुख अख्तियार किया है। प्रियंका गांधी ने इसे लोकतंत्र का चीरहरण बताया है तो कांग्रेस प्रवक्ता ने महिला आयोग को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
सभी पार्टियों द्वारा आड़े हाथों लिए जाने पर बीजेपी डैमेज कंट्रोल की कवायद में जुटी हुई है। बीजेपी नेता प्रवीण कुमार का कहना है कि इस घटना का राजनीतिकरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं, 2 पुलिस वालों को सस्पेंड किया जा चुका है।