उत्तर प्रदेश विधानसभा के 23 मई से शुरू होने जा रहे सत्र में काफी कुछ बदला नजर आएगा। इस सत्र में विधायकों की सीट निर्धारित होगी। साथ ही सभी विधायकों की सीट पर टैबलेट इंस्टाल किया गया है। इसके जरिए विधायक सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे। E-vidhan को विधानसभा में पूरी तरह लागू किया जा रहा है। विधायकों की सीट के सामने टेबलेट लगाए गए हैं। इस दौरान अधिकांश विधायक इसके इस्तेमाल का तरीका जानने की कोशिश करते रहे।
कई विधायकों ने ई-विधान को सीखने में दिलचस्पी दिखाई तो कुछ वरिष्ठ सदस्य अपने जूनियर सहयोगियों से सीखने की कोशिश करते नजर आए। वे युवा नेताओं से इस टेक्नोलॉजी को समझने की कोशिश कर रहे थे। विधायकों को ट्रेनिंग देने के लि एनआईसी की टीम भी वहां मौजूद थी। इस बीच, विधानसभा स्पीकर ने सभी सदस्यों का हौंसला बढ़ाया और कहा कि घबराएं नहीं, धीरे-धीरे सीख जाएंगे।
उन्होंने डिवाइस को ऑपरेट करने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा, “जैसे कागज की किताब के पन्ने पलटते हैं, वैसे अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करते हुए ई-बुक के पन्ने पलटिए।” जब भाजपा के मंत्री सूर्य प्रताप शाही यह पूछने के लिए उठे कि वह टैबलेट पर “माई नोट्स” सेक्शन का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं, उस वक्त बसपा विधायक उमा शंकर सिंह आगे आए। वहीं, कुछ विधायक ऐसे भी थे जो टैबलेट के साथ सेल्फी लेते और सोशल मीडिया पर अपलोड करते देखे गए। जबकि समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी खुद नई पेपरलेस प्रणाली को समझते नजर आए।
ट्रेजरी बेंच के सदन के सदस्यों में से एक सदस्य ने यह पूछा कि सिस्टम पर नोट्स लेते समय पूरक प्रश्न ऑनलाइन कैसे अपलोड किया जाएगा। इस पर स्पीकर सतीश महाना ने उन्हें जल्दबाजी न करने और चीजों को धीरे-धीरे समझने की बात कही, वरना अन्य लोग भ्रमित हो जाएंगे। उन्होंने मजाक में कहा, “आप अभी कक्षा 1 में नहीं पहुंचे और पीएचडी करने चले हैं।”
‘पेपरलेस’ होने की तरफ कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन प्रोजेक्ट के तहत विधानसभा की 416 सीटों पर टैबलेट लगाए हैं। उत्तर प्रदेश इतने बड़े पैमाने पर पेपरलेस सिस्टम का प्रयोग करने वाला देश का पहला राज्य है।