उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश होने के बाद विपक्ष लगातार महंगाई और किसानों के मुद्दे पर राज्य सरकार को घरेने में लगा है। इस बीच प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का बयान आया है। उन्होंने कहा कि सब्जी मंहगी होती है तो किसानों का लाभ होता है, इसलिए इसको मुद्दा न बनाएं।
उन्होंने कहा कि कई लोग महंगाई का मुद्दा उठाते हैं, पहले तो पेट्रोल-डीजल महंगा होने की बात करते हैं और फिर सब्जी की महंगाई पर उतर आते हैं। सब्जी की महंगाई, जो खासतौर से उस वर्ग को लाभांवित करती है, जो किसान और खेती से जुड़ा हुआ है और रोज कमाते-खाते हैं।
उन्होंने कहा, “यह वर्ग किसी न किसी रूप में सब्जी पैदा करके हमें देता है। उस वर्ग की कठिनाईयों और परेशानियों से अगर हम अपने आप को आत्मसात करें तो हमें ये समझ जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि योगी सरकार की कोशिश ये होगी कि सब्जी पैदा करने वाले लोगों को ज्यादा से ज्यादा इनसेंटिवाइज किया जाए।
उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि किसानों के अंदर कोंफिडेंस बढ़ा है। एमएसपी की माध्यम से उनके गेंहूं और धान की डायरेक्ट खरीद है। उन्होंने बताया कि बजट में इस बार 100 करोड़ रुपए भामाशाह योजना के तहत आलू, प्याज और टमाटर के दाम स्थिर रखने के लिए दिया गया है, ताकि दाम ज्यादा नीचे न जाएं। साथ ही, सब्जी बोने वाले हतोत्साहित न हों।
उन्होंने आगे कहा कि रही बात सब्जी की तो, इस मामले में मेरा कोंसेप्ट ही दूसरा है। हम सोचते हैं कि अगर सब्जी की महंगाई पर ज्यादा चिंता की गई, तो ये लोग सब्जी बोना बंद कर देंगे। अगर सब्जी बोना बंद कर दिया तो नतीजा क्या होगा कि सब्जी और महंगी होगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि इस बार के बजट में सबसे ज्यादा ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार पर दिया गया है। सबसे ज्यादा 22 फीसद इंफ्रास्ट्रक्चर पर और चिकित्सा शिक्षा पर सात फीसद खर्च किया जाना है। उन्होंने कहा कि इस बजट से उत्तर प्रदेश का विकास रफ्तार पकड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बजट में किसानों का भी खास ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया गया था, वो अब पूरा होगा।