उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 93A के सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को गिराने से पहले रविवार को ट्रायल किया गया। अवैध रूप से बने सुपरटेक ट्विन टावर को ध्वस्त करने की तैयारी चल रही है। केवल 9 सेकंड में ट्विन टावर को गिराने का काम 22 मई को पूरा किया जाएगा। रविवार दोपहर 2.30 बजे टेस्ट ब्लास्ट करने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग और जेट डिमोलिशन को जिम्मा दिया गया था।
इस टेस्ट ब्लास्ट के दौरान एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के सामने वाली सड़क पर यातायात बंद कर दिया गया था। साथ ही लोगों को एक घंटे तक बाहर न निकलने की हिदायत दी गई थी। आसपास की सोसाइटी में रहने वालों को बालकनी में आने पर भी रोक लगाई गई थी। सेक्टर 93-ए स्थित ट्विन टावर में दोपहर करीब 2.30 बजे टेस्ट ब्लास्ट किया गया।
इसके पहले, इस टेस्ट ब्लास्ट के बारे में बताया गया था कि इमारत के बेसमेंट और 14वीं मंजिल में विस्फोटक प्लांट होगा। साथ ही इस प्रक्रिया के तहत 5 पिलर में टेस्ट ब्लास्ट किया जाएगा। बताया गया था कि यह टेस्ट ब्लास्ट एपेक्स टॉवर में किया जाएगा जिसमें 5 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाएगा। 22 मई को गगनचुंबी इमारत को गिराने के लिए विस्फोटकों की मात्रा का अनुमान लगाने के लिए टेस्ट ब्लास्ट किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने गगनचुंबी इमारत को गिराने का आदेश दिया था
टेस्ट ब्लास्ट के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मौके पर एम्बुलेंस और दमकल की गाड़ियां मौजूद थीं और पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2021 को सुपरटेक के एपेक्स (100 मीटर) और सियेन (97 मीटर) को गिराने का आदेश दिया था, क्योंकि इमारत के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए ट्विन टावर आ गए थे। ये दोनों टावर्स करीब 7.5 लाख स्कवायर फीट में बने हैं। नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी के मुताबिक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय इसका आकलन कर रहा है कि ट्विन टावर गिराने से कितना प्रदूषण होगा।