पूर्वांचल के कुख्यात गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की सोमवार को बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। फिलहाल पुलिस जेल के अंदर मुन्ना बजरंगी की हत्या में किसी साजिश के एंगल की जांच में जुटी हुई है। यह गैंगस्टर काफी वक्त से जेल में था। उसके पकड़े जाने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। कई हत्याओं और रंगदारी के मामलों में वांछित इस गैंगस्टर ने पकड़े जाने से पहले पुलिस को बहुत छकाया। पुलिस उसे कई राज्यों में लगातार तलाशती रही लेकिन वह उनकी पहुंच से हमेशा दूर रहा। इसकी एक प्रमुख वजह यह थी कि वह रंगदारी के लिए कॉल करने के बाद कभी भी दूसरी बार उस सिम को इस्तेमाल नहीं करता था।

बात 2006 की है। पुलिस को सूचना मिली कि मुन्ना बजरंगी अपने गिरोह का नेटवर्क दिल्ली में फैलाने की कोशिश कर रहा है। वह कारोबारियों को वसूली के लिए कॉल करने लगा था। इसके बाद पुलिस ने यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, दमन, राजस्थान, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में छापे मारे। पुलिस को पहली बड़ी कामयाबी 2009 में मिली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल बजरंगी के नजदीकी विराज और बबलू के कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच कर रही थी। उन्होंने पाया कि वे दोनों एक ऐसा सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहे थे, जिसका उन्होंने पूर्व में भी वसूली के लिए धमकी देने में किया था।

एक सीनियर पुलिस अफसर ने बताया, ‘पुलिस उनके सीडीआर खंगालने लगी और पाया कि वह कई उन अन्य नंबरों के संपर्क में हैं जिनका इस्तेमाल मुंबई के मलाड इलाके में हो रहा था। पुलिस की एक टीम मुंबई पहुंची जिसे वहां बजरंगी का नजदीकी महेंदर उर्फ शेट्टी मिला।’ पुलिस शेट्टी की गतिविधियों पर नजर रखने लगी और पाया कि वह अक्सर लोकल ट्रेनों में चढ़ने के बाद कॉल करता है। एक अन्य अफसर ने बताया, ‘कॉल्स करने के बाद वह किसी भी स्टेशन पर उतर जाता था और सिम कार्ड फेंक देता था। पुलिस उसका पीछा कर रही थी लेकिन वे बजरंगी के बारे में कुछ भी पता नहीं लगा पा रहे थे क्योंकि शेट्टी उसे कोई कॉल नहीं करता था।

हालांकि, पुलिस टीम ने पाया कि शेट्टी पश्चिमी मलाड के सिद्धिविनायक सोसाइटी स्थित एक अपार्टमेंट में हर दूसरे हफ्ते जाता है।’ शेट्टी जिस अपार्टमेंट में जाता था, उसके नजदीक एक पुलिस टीम तैनात कर दी गई। अफसर ने बताया, ‘पुलिसवालों ने पाया कि बजरंगी सिद्धिविनायक सोसाइटी के एक फ्लैट में छिपा हुआ था, लेकिन कभी बाहर नहीं जाता था। 25 दिन के इंतजार के बाद उसे उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया जब वह और शेट्टी एक ऑटोरिक्शा में बैठकर वसूली के लिए कॉल करने जा रहे थे। यह बात 29 सितंबर 2009 की है।’