वैसे अक्सर देखा जाता है कि खाप पंचायत का चाबुक ज्यादातर महिलाओं के पहनावे को लेकर चलता है लेकिन शामली की पंचायत ने लड़कों के पहनावे को लेकर भी कुछ नियम बना दिए है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश के शामली में हुई खाप में पंचायत में फैसला लिया गया कि अब कोई भी लड़का सार्वजनिक स्थल पर शॉर्ट्स नहीं पहनेगा। यह फैसला खाप स्वाभिमान सम्मेलन में 35 खाप नेताओं की मौजूदगी में लिया गया। इस पर बात करते हुए बलियां खाप के मुखिया नरेश टिकैत ने कहा कि हम बेटा और बेटी में कोई भेदभाव नहीं करते है। लड़कों के सार्वजनिक स्थलों पर शॉर्ट्स पहनने से एक गलत मिसाल पेश होती है। अगर लड़कियों को जींस पहनने से रोका जा रहा है तो क्यों न लड़कों के शॉर्ट्स पहनने पर भी बैन लगाया जाए।
इसके साथ ही इस पंचायत में यह भी फैसला लिया गया है कि जो भी अपनी ही बिरादरी में शादी करेंगा उसका पूर्ण रूप से बहिष्कार कर दिया जाएगा। इससे पहले इस सामुदायिक पंचायत ने साल 2014 में लड़कियों के जींस पहनने और मोबाइल फोन रखने पर बैन लगा दिया था। जींस और मोबाइल पर बैन लगाने के पीछे पंचायत का कहना था कि यह हमारी सभ्यता के खिलाफ है और इससे समाज पर गलत असर पड़ता है। पंचायत का कहना था कि जींस पहनने से ही लड़कियां छेड़छाड़ का शिकार होती है। जींस और मोबाइल का बैन केवल अविवाहित लड़कियों पर लगाया गया था। इसके साथ ही पंचायत ने शादी में डीजे के इस्तेमाल पर भी बैन लगा दिया था।
वहीं 2015 में एक दलित लड़के ने एक जाट समुदाय की लड़की से शादी कर ली थी जिसके बाद खाप पंचायत ने सजा के तौर पर लड़के की दोनों बहन का रेप और पूरे गांव में नग्नाव्स्था में घुमाने का फरमान सुना दिया था। इसके बाद लड़के की 23 वर्षीय बहन ने न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लड़की ने अपने और अपने परिवार से पुलिस सुरक्षा देने की गुहार लगाई थी।