अयोध्या सद्भावना समन्वय महा समिति के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने दावा किया है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएसपीएलबी) के पूर्व कार्यकारी सदस्य मौलाना सलमान हसनी नदवी ने अयोध्या में अलग मस्जिद बनाने के लिए पैसा, पद और अयोध्या में अलग मस्जिद बनाने के लिए जमीन की मांग की थी। मिश्रा ने बताया कि नदवी पांच फरवरी को उनसे मिले थे। इस दौरान दोनों के बीच बाबरी मस्जिद- राम जन्मभूमि विवाद को लेकर बातचीत हुई। मिश्रा ने बताया, ‘विवादित मुद्दे पर बातचीत के लिए मैं नदवी से पांच फरवरी को मिला। उन्होंने इस मुद्दे पर मुझसे लिखित में प्रस्ताव देने के लिए कहा। मैंने ऐसा ही किया, बाद में यह प्रस्ताव सभी को भेजा गया था। उन्होंने 200 एकड़ जमीन, राज्ससभा का टिकट और 5 हजार करोड़ रुपए की मांग की।’

हालांकि सलमान नदवी ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि वह उन्हें जानते तक नहीं। नदवी ने मिश्रा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह हिंदू-मुस्लिम में तनाव बनाए रखने के लिए इस तरह के मुद्दे को उठा रहे हैं। अपना पक्ष रखते हुए नदवी ने एएनआई से कहा, ‘कुछ लोग नहीं चाहते अयोध्या में मंदिर या मस्जिद का निर्माण हो। वह शैतान है और भगवान के काम में उनका काम सिर्फ विवाद पैदा करना है। वो डरे हुए हैं कि कहीं हिंदू और मुस्लिम एक ना हो जाएं। उन्हें पता है कि मैं अकेला हूं जो इस मुद्दे को उठा रहा हूं। नदवी ने आगे कहा कि हम देश में शांति और समृद्धि का संदेश फैलाना चाहते हैं। मैं किसी मिश्रा को नहीं जानता कि वह किस डील के बारे में बात कर रहे हैं।

बता दें कि सलमान नदवी को मुस्लिम बोर्ड ने राम मंदिर के समर्थन में अपना पक्ष देने के आरोप पर बोर्ड से निकाल दिया था। दरअसल पूर्व कार्यकारी सदस्य ने आर्ट ऑफ लीविंग के संस्थापक रविशंकर से मुलाकात के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में अपनी राय दी थी। इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के बाहर विवाद को सुलझाने की भी अपील की।