काशी के बनारस हिंदू विश्विद्यालय में इफ्तार पार्टी को लेकर घमासान मचा हुआ है। बीएचयू स्थित महिला महाविद्यालय में आयोजित इफ्तार पार्टी में वीसी के पहुंचने पर छात्रों में नाराजगी देखने को मिली है। इसका विरोध करते हुए यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कुलपति का पुतला फूंका और उनको नसीहत देते हुए कहा कि वे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी चले जाएं।

विरोध कर रहे छात्रों का कहना था कि बीएचयू में इस तरह का आयोजन पिछले सालों में कभी नहीं हुआ। छात्रों का आरोप है यूनिवर्सिटी को मजहबी रंग देने की कोशिश की जा रही है। भड़के हुए छात्रों ने कहा कि कैंपस में इफ्तार पार्टी का आयोजन करना है तो वे एएमयू और जामिया चले जाएं। छात्रों ने सवाल उठाया कि बीएचयू में इस तरह की इफ्तार पार्टी पहले नहीं हुई तो अब ऐसा आयोजन क्यों किया जा रहा है।

वहीं, छात्रों के आरोप को बीएचयू प्रशासन ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि गर्ल्स हॉस्टल में आयोजित इफ्तार पार्टी में वीसी का पहुंचना विश्वविद्यालय की एक परंपरा रही है। पूरे मामले पर बीएचयू पीआरओ डॉ. राजेश सिंह का कहना है, “यह पहली बार नहीं है जब कोई वीसी कैंपस में आयोजित इफ्तार में शामिल हुए हों। यह हर साल होता है। कोविड प्रोटोकॉल की वजह से पिछले दो सालों से ऐसा नहीं हो सका था। हमारा कैंपस धर्मनिरपेक्ष है और यह बिल्कुल भी नई प्रथा नहीं है।”

एबीवीपी के राज्य कार्यसमिति सदस्य और बीएचयू के छात्र अधोक्षज पांडे ने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन को एबीवीपी ने समर्थन दिया था। पांडे ने कहा कि एबीवीपी भी इस प्रदर्शन में शामिल था और हमें लगा कि इफ्तार में शामिल होने का कदम गलत था और ऐसा कैंपस में पहले कभी नहीं हुआ था। पांडे ने कहा कि अगर कोई हॉस्टल में नवरात्रि पार्टी आयोजित करे तो क्या वीसी उसमें शामिल होंगे?

बीएचयू के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी इफ्तार पार्टी की तस्वीरें शेयर की थीं, जिसमें लिखा था, “रमजान के पाक महीने में आज काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित महिला महाविद्यालय में रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया, जिसमें कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन भी शामिल हुए। कुलपति के साथ महिला महाविद्यालय के रोजादार शिक्षक, शिक्षिकाओं व छात्राओं ने अपना रोजा खोला व इफ्तार की।”