उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद सभी पार्टियों में मंथन में का दौर चल रहा है। चुनाव में हार जीत के कारण तालाशे जा रहे हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की जीत को हार में बदला गया है। अगर बैलेट पेपर से चुनाव होते तो समाजवादी पार्टी प्रदेश में 300 से अधिक सीटें जीतती। आगे उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता हमारे साथ है और बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने चाहिए।

गठबंधन से हुआ समाजवादी पार्टी को फायदा: रामगोपाल यादव ने 2022 विधानसभा चुनावों में हुए समाजवादी पार्टी के गठबंधन पर कहा कि पार्टी को गठबंधन से फायदा हुआ है। समाजवादी पार्टी की सीटें में भी इजाफा हुआ है। इसके साथ वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। आगे उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आने वाले चुनावों में पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी।

अखिलेश चुने गए विधायक दल के नेता: शनिवार को लखनऊ के पार्टी कार्यलाय में 2022 में विधायक चुनकर आए सभी समाजवादी विधायकों की बैठक हुई। बैठक के दौरान सभी विधायकों ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुन लिया। इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में अखिलेश खुद नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएगे।इससे पहले अखिलेश यादव और पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान सांसद पद से इस्तीफा दे चुके हैं।

शिवपाल यादव और अखिलेश के बीच बढ़ी तकरार: विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच दूरियां देखने को मिल रही हैं। शिवपाल यादव को शनिवार को हुई समाजवादी पार्टी विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया। इसी बीच उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वह पिछले दो दिनों से विधायक दल की बैठक में निमंत्रण का इंतजार कर रहे थें । इस बैठक के लिए उन्होंने अपने सभी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए लेकिन समाजवादी पार्टी की तरफ से उन्हें नहीं बुलाया गया। आगे कहा कि मैंने समाजवादी पार्टी के नेताओं से भी संपर्क करने की कोशिश की पर कोई जबाब नहीं आया।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी में काफी तरजीह दी गई थी। उनको पार्टी की तरफ से स्टार प्रचारक भी बनाया गया था।