उत्तर प्रदेश में राज्य सभा चुनाव से पहले बीजेपी और समाजवादी पार्टी अपने-अपने विधायकों की बैठक करने और चुनावी रणनीति बनाने में मशगूल है। बुधवार (21 मार्च) की शाम जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर बीजेपी और एनडीए घटक दलों के विधायकों की बैठक बुलाई तो उसमें सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल भी शामिल हुए। बता दें कि नितिन अग्रवाल के पिता सांसद नरेश अग्रवाल कुछ दिनों पहले ही सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। बीजेपी में शामिल होते वक्त उन्होंने एलान किया था कि उनका बेटा और हरदोई सदर से सपा विधायक राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को वोट करेगा। तब से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि नितिन विरोधी खेमे की बैठक में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने अपने सभी विधायकों को अपने आवास पर रात्रिभोज का दावत भी दिया है।
सीएम की बैठक में सुहेलदेव भारत समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार में पिछड़ा कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी दिखे। राजभर राज्य सरकार से नाराज चल रहे थे और राज्यसभा चुनाव का बहिष्कार करने की धमकी भी दी थी लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद वो मान गए। उनकी पार्टी के चार विधायक हैं। राजभर को मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्री के बाद चौथी सीट पर बैठाया गया था। अब माना जा रहा है कि राजभर ने बगावत छोड़ दी है।

राज्य की 10 राज्य सभा सीटों के लिए शुक्रवार (23 मार्च) को चुनाव होंगे। आठ सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार की जीत तय है। नौवें पर सपा उम्मीदवार की जीत तय है लेकिन 10वें सीट को लेकर दोनों तरफ से सियासी जोड़-तोड़ का खेल जारी है। बसपा ने सपा के बल पर भीमराव अंबेडकर को अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि बीजेपी ने गाजियाबाद के व्यवसायी अनिल अग्रवाल को अपना नौंवा उम्मीदवार बनाया है और उसे जीत दिलाने के लिए सियासी समीकरणों को साधने में पार्टी अध्यक्ष समेत कई बड़े नेता जुटे हुए हैं। बीजेपी की नजर सपा के बागियों और कुछ निर्दलीय विधायकों पर है।

