प्रयागराज हिंसा में नामजद 31 आरोपियों को पकड़ना यूपी पुलिस के लिए टेढी खीर बनता जा रहा है। घटना को 12 दिन बीत गए और पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी इनका सुराग तक नहीं लग सका है। इनमें एआईएमआईएम और समाजवादी पार्टी नेताओं समेत वो 5 लोग भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।

बता दें कि पैगंबर विवाद में 10 जून को प्रयागराज के अटाला में जुमे की नमाज के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों में उपद्रव फैलाने के आरोप में 95 लोगों को नामजद किया गया था और 5400 अज्ञात पर केस दर्ज किए गए। इनमें से खुल्दाबाद थाने में 1 केस में 70 और करेली में 2 केस में 25 लोग नामजद किए गए थे। पुलिस इनमें से कुल 103 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें से नामजद और अज्ञात शामिल हैं। यूपी पुलिस ने उपद्रिवयों को पकड़ने के लिए प्रदर्शनों की फोटो और वीडिया जारी किए थे।

अटाला कांड में शामिल एआईएमआईएम और सपा नेता समेत 5 आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी
प्रयागराज के अटाला कांड के 5 आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी की जा रही है। इनमें एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष शाह आलम, जीशान रहमानी, सपा पार्षद फजल खान, वामपंथी नेता आशीष मित्तल और एक्टिविस्ट उमर खालिद शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ गेर जमानती वारंट जारी हो चुका है।

गौरतलब है कि पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी कर बीजेपी से निष्कासित की गई नूपुर शर्मा के खिलाफ 10 जून को जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड समेत कुछ राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आई थीं। ये लोग नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और कानपुर में उपद्रव फैलाने वाले आरोपियों के खिलाफ यूपी सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही है। अटाला हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद पंप के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसका 5 करोड़ का बंगला अवैध बताते हुए राज्य सरकार ने बुलडोजर से गिरा दिया। यूपी सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके जवाब में यूपी सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दर्ज कर बताया कि यह कार्रवाई नियमों के तहत की गई है। हालांकि, जावेद पंप का परिवार यूपी सरकार के इन दावों को गलत बता रहा है।