उन्नाव में सपा की सक्रियता के चलते जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सत्ताधारी पार्टी भाजपा की नहीं चली। नतीजतन अब भाजपा को यहां पर सपा प्रत्याशी के साथ-साथ अपनी ही पार्टी के विद्रोही प्रत्याि‍शयों के साथ भी मुकाबला करना पड़ेगा। नाम वापसी के दिन सपा प्रत्याशी का पर्चा वापस लिए जाने की चर्चा के बाद समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक उदयराज यादव की अगुवाई में सपाइयों ने कलेक्ट्रेट गेट पर जो तल्खी दिखाई उसका नतीजा रहा कि किसी भी प्रत्याशी का पर्चा वापस नही हुआ।

बताते चलें कि मंगलवार को नाम वापसी के दिन समाजवादी पार्टी के कार्यालय में पूर्व विधायक उदयराज यादव, बदलू खां, एमएलसी सुनील सिंह साजन तथा पार्टी के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह पहुंच गये लेकिन पार्टी प्रत्याशी मालती रावत ढाई बजे तक वहां नहीं पहुचीं, जिससे आशंकित सपाइयों ने प्रत्याशी मालती रावत को फोन लगाया पर बात नही हो पाई। किसी अनहोनी से आशंकित सपाइयों ने कलेक्ट्रेट की ओर रुख किया। खबर मिलते ही सरकारी कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट का गेट बंद कर दिया। यह दृश्य देख पूर्व विधायक उदयराज यादव द्वारा जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को फोन कर सूचना दी गई। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने न्‍याय संगत कार्य करने का आश्‍वासन दिया। इसके बाद लगभग साढ़े तीन बजे जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार द्वारा तीनों प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने की जानकारी दी गई।

उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा में अंत तक आम सहमति न बन पाने से पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी शकुन सिंह के अलावा पार्टी के ही पूर्व प्रत्याशी अरुण सिंह ने भी नामजदगी का पर्चा दाखिल किया था। जबकि सपा ने अपने दल के इंद्रमोहन तथा उपासना यादव के बीच सहमति बनाकर मालती रावत को अपना प्रत्याशी बनाकर नामांकन कराया था। मंगलवार को नाम वापसी के दिन सपा प्रत्याशी के साथ- साथ भाजपा से दो में से एक को चुनाव में उतारने की योजना बनाकर भाजपा की जिला इकाई सवेरे से ही अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गई लेकिन इस बीच योजना की भनक सपा खेमें में पहुंच जाने से सब कुछ धरा रह गया।

उल्लेखनीय है कि नामांकन के एक दिन पूर्व माखी गांव की दुष्‍कर्म पीड़िता के द्वारा भाजपा के घोषित प्रत्याशी अरुण सिंह का विरोध किये जाने के बाद पार्टी आलाकमान द्वारा आनन फ़ानन में अरुण सिंह की जगह बाहुबली पूर्व एमएलसी स्व.अजीत सिंह की पत्नी शकुन सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर देर शाम प्रेसवार्ता करने की बात कही गई। पर इस बीच पूर्व प्रत्याशी अरुण सिंह ने पार्टी के बड़े नेताओं के समक्ष अपने को पाक साफ बताया साथ ही सीबीआई द्वारा क्लीन चिट दिये जाने का मुद्दा भी उठाया। जिसके चलते शकुन सिंह के समर्थन में होने वाली प्रेसवार्ता स्‍थगित कर दी गई। भाजपा जिलाध्यक्ष राजकिशोर रावत ने कहा इस प्रकरण पर मंथन कर बाद में निर्णय लिया जायेगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में गुटबाजी के कारण भाजपा यहां पहले ही भद पिटवा चुकी है और रही सही कसर जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पूरी होती दिख रही है। उन्नाव में जिला पंचायत के 51 सदस्य हैं जिसमें भाजपा समर्थित 9 और सपा समर्थित 19 जिला पंचायत सदस्यों ने अपनी जीत दर्ज कराई है। इन सबसे अलग अपना सियासी अस्तित्व खो चुकी बसपा यहां मात्र 3 सीटों पर सिमट कर रह गई है। जबकि उन्नाव में निर्दलीय सदस्यों की संख्या 20 है। जो किसी भी पार्टी की जीत हार का कारण बनेगी। क्योंकि 51 सदस्यीय जिला पंचायत में अध्यक्ष बनने के लिए 26 सदस्यों का समर्थन होना जरूरी है। हालांकि जीत के लिए सपा प्रत्याशी को 7 सदस्य तथा भाजपा प्रत्याशी के लिए 17 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी। अब देखना होगा कि तीन जुलाई को किस दल की जिला पंचायत में ताजपोशी होती है।