UP-TET की तर्ज पर अब मदरसा बोर्ड भी MTET (madarsa teachers eligibility test) परीक्षा कराएगा। उत्तर प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त मदरसों में नियुक्ति के लिए MTET परीक्षा कराई जाएगी। सरकार के इस फैसले से अब मदरसा प्रबंधक शिक्षकों की सीधे नियुक्ति नहीं कर सकेंगे। मदरसों की स्थिति के सुधार की दिशा में इसे योगी सरकार का एक बड़ा कदम माना जा रहा है। मदरसा बोर्ड की ओर से शासन को इसके सम्बन्ध में प्रस्ताव भेज दिया गया है। वर्तमान में मदरसों में 500 से अधिक शिक्षकों के पद खली हैं।
24 मार्च को यूपी मदरसा शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष डॉक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता ने एक बैठक हुई थी जिसमे कई बड़े और अहम फैसले लिए गये। बैठक में ये भी निर्णय लिया गया कि अब से कक्षाएं प्रारंभ होने से पहले छात्रों को दुआओं के साथ राष्ट्रगान गाना भी अनिवार्य होगा। इसके साथ ही प्रश्नपत्रों में आधुनिक विषयों को जोड़ा जायेगा। कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान का भी प्रश्नपत्र होगा।
इसके साथ ही बोर्ड की बैठक में तय किया गया है कि मदरसों में छात्रों के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की जाए और आधार का भी इस्तेमाल किया जाए। साथ ही शिक्षकों के अटेंडेंस के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था भी की जाएगी। बोर्ड में ये भी निर्णय लिया गया है कि 14 मई से 27 मई के बीच मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं संपन्न करा दी जाए। साथ ही परीक्षा व्यवस्था की ऑनलाइन निगरानी भी की जाएगी।
असम में मदरसों को सरकारी स्कूल में बदलने का आदेश: फरवरी में असम सरकार ने आदेश दिया था कि प्रदेश के 620 मदरसों को 1 अप्रैल से बंद कर दिया जायेगा और उसको सामान्य स्कूलों में परिवर्तित कर दिया जायेगा। राज्य सरकार ने इसकी वजह बताते हुए कहा था कि प्रदेश सरकार अब धार्मिक शिक्षा पर पैसे नहीं खर्च करेगी। राज्य सरकार के इस कदम से प्रदेश को करीब 250 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ होगा।
असम सरकार के इस फैसले को गुवाहाटी हाईकोर्ट ने भी सही ठहराया था और कोर्ट ने कहा था कि सरकारी मदरसे में कोई मजहबी शिक्षा नहीं दे सकता।