बसपा सुप्रीमो मायावती के पीएम बनने वाले सपने पर उत्तर प्रदेश के डिप्‍टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि उनकी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी। मौर्य ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश का हर मतदाता जान चुका है कि अब जाति के नाम पर लोगों को बांटकर राजनीति नहीं हो सकती है।

बता दें मायावती ने गुरुवार (28 अप्रैल, 2022) को कहा कि वे एक बार फिर से यूपी की मुख्यमंत्री और आगे चलकर देश की प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं, लेकिन राष्ट्रपति बनने का उनका कोई सपना नहीं है। इससे पहले अखिलेश ने उन पर चुटकी लेते हुए कहा था कि मायावती को बीजेपी राष्ट्रपति बनाएगी या नहीं। सपा मुखिया के इस बयान पर ही मायावती ने पलटवार करते हुए ये बात कही थी।

शिवपाल के बीजेपी में शामिल होने पर क्या बोले मौर्य
शिवपाल यादव के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे चाचा को अगर बीजेपी लेना चाहती है तो देर क्यों कर रही है? मौर्य ने अखिलेश यादव को निशाने पर लेते हुए कहा, “वे बीजेपी के कोई सलाहकार या नेता नहीं हैं। अगर वो ऐसा पूछ रहे हैं तो गलत कर रहे हैं। उनको अपने चाचा से पूछना चाहिए के वे कहां जाना चाहते हैं या कहां नहीं। भारतीय जनता पार्टी किसी को लेने के लिए तैयार नहीं बैठी है।”

वहीं, मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर चल रहे विवाद पर डिप्टी सीएम ने कहा, “शासन की मंशा के अनुसार प्रशासन ने धर्मगुरुओं के साथ संवाद स्थापित करके यूपी ने बड़े विवाद को शांत करके दिखाने का काम किया। आपस में बात करके रास्ता निकाला कि ध्वनि प्रदूषण को कम करने का यही एक तरीका है। मंदिर हो या मस्जिद हो सबको निर्देश दिए गए कि अपने ध्वनि वर्धक की आवाज को अपने धार्मिक परिसर तक सीमित रखें। लोगों ने सहर्ष इसको स्वीकार किया।” बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के निर्देश के बाद या तो धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई या फिर हटा दिए गए।

गौरतलब है कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे की मांग के बाद देशभर में लाउडस्पीकर विवाद शुरू हो गया है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि अगर तीन मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए तो मस्जिदों के आगे हनुमान चालीस बजाई जाएगी।