नोएडा सेक्टर 93 A स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के ट्विन टावर्स को गिराने की तैयारी चल रही है। इसे जमींदोज करने में महज नौ सेकेंड लगेंगे। इसके लिए 2500 किलो का विस्फोटक इस्तेमाल होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन्हें धवस्त जा रहा है। 22 मई तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण और रुड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान ने इसके लिए एडिफिस इंजीनियरिंग को चुना है, उसे दक्षिण अफ्रीकी कंपनी जेट डिमोलिशन का सहयोग मिलेगा।

एडिफिस इंजीनियरिंग के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने कहा कि विस्फोट में करीब 9 सेकेंड का समय लगेगा। छोटे टावर के बाद कुछ मिलीसेकंड बाद बड़े टावर को गिराया जाएगा। इनक स्तंभों को तार और जियोटेक्सटाइल फैबरिक से कवर किया जाएगा, ताकि इमारत को धवस्त करने पर कंक्रीट के मलबे को इकट्ठा किया जा सके।

मेहता के अनुसार ट्विन टावर्स को गिराने के लिए लगभग 2,500 किलोग्राम से 4,000 किलोग्राम विस्फोटक की आवश्यकता हो सकती है। ट्रायल ब्लास्ट इस महीने के अंत में या अगले महीने की शुरुआत में होगा। विस्फोटकों को लगभग 100 किमी दूर एक सुविधा में रखा जाएगा और आवश्यकतानुसार लाया जाएगा। इमारत में विस्फोटक लोड करने में 12-15 दिन लग सकते हैं। इनमें से एक टावर की ऊंचाई 103 मीटर है, जबकि दूसरे की ऊंचाई लगभग 97 मीटर है। दोनों टावर्स करीब 7.5 लाख स्कवायर फीट में बने हैं।

मेहता के अनुसार आसपास की चार इमारतें एमराल्ड कोर्ट के दो और एटीएस विलेज के दो टावर्स को मलबे से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जियोटेक्सटाइल फैबरिक से कवर किया जाएगा। विस्फोट से धूल उड़ेगी और इसे बंद होने में लगभग 4 से 10 मिनट का समय लग सकता है। इस दौरान आसपास के इलाके को खाली करा दिया जाएगा। दिन में करीब पांच घंटे तक इलाका बंद रह सकता है।

मेहता ने यह भी बताया कि एक ब्लास्टर, एक पुलिस अधिकारी और परियोजना प्रबंधक सहित केवल पांच लोग यहां मौजूद होंगे। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे दिन में लगभग आधे घंटे के लिए बंद रहेगा, ताकि कोई दुर्घटना न हो। ध्वस्तीकरण के दौरान आसपास की इमरातों को नुकसान नहीं होगा, लेकिन फिर भी इसके लिए बीमा कराया जा रहा है। ब्लास्ट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि एमराल्ड कोर्ट बिल्डिंग के नुकसान न हो।

नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय टावर्स गिराने से कितना प्रदूषण होगा इसका आकलन कर रहे हैं। जमीन बिल्डर की है और मानदंडों के अनुसार वह तय करेगा कि विध्वंस के बाद उसके साथ क्या करना है। इसका खर्च सुपरटेक वहन कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 30 अगस्त को इमारतों के बीच की दूरी पर नियमों का उल्लंघन करने के लिए तीन महीने के भीतर ट्विन टावर्स को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।