मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार (25 मार्च 2022) दूसरी बार लखनऊ के इकाना स्टेडियम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नई सरकार नए चेहरे के साथ आई। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद किसी का नाम चर्चा में रहा तो वह है यूपी के नए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का रहा हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की जगह उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। इससे पहले वह पूर्व भाजपा सरकार में कानून मंत्री भी रह चुके हैं।

ब्रजेश पाठक की शिक्षा: ब्रजेश पाठक का जन्म उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में मल्लावां कस्बे में हुआ है। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में वकालत की डिग्री हासिल की है और वह पेशे से वकील हैं।

ब्रजेश पाठक का सियासी सफर: ब्रजेश पाठक का सियासी सफर लखनऊ विश्वविद्यालय के 1989 के छात्रसंघ चुनावों से शुरू हुआ था। पहली बार वह इन्हीं चुनावों में वह छात्रसंघ के उपाध्यक्ष चुने गए थे जिसके बाद वह 1990 में लखनऊ विश्वविद्यालय के अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हुए और 2002 में  मल्लावां विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन वह इस सीट मात्र 130 वोट से चुनाव हार गए।

फिर वह बसपा में शामिल हो गए और 2004 में बसपा के टिकट पर उन्नाव लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। यहां से उनके राजनीतिक करियर ने उड़ान भरी और जल्द मायावती के करीबियों में शामिल हो गए। इस दौरान प्रदेश में वह बड़े ब्राह्मण नेता के रूप में पहचाने जाने लगे। इसके बाद 2009 में मायावती ने उन्हें राज्यसभा भेजा। जहां पर पार्टी के मुख्य सचेतक की भूमिका में थे। 2014 की मोदी लहर में ब्रजेश पाठक को बसपा ने दूसरी बार उन्नाव से उम्मीदवार बनाया लेकिन इस दौरान उन्हें भाजपा उम्मीदवार साक्षी महाराज से करारी हार का सामना करना पड़ा।

2017 से चुनाव से पहले बदली राह: जनता के रुख को भांपते हुए ब्रजेश पाठक 22 अगस्त 2016 को भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें लखनऊ सेंट्रल विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया और जीत दर्ज की। 2019 में योगी मंत्रीमंडल विस्तार के दौरान उन्हें अहम जिम्मेदारी देते हुए कानून मंत्री बनाया गया था।