‘सरकार के कामकाज संभालते ही पहले दो महीनों में पूरे उत्तर प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया जाएगा।’ ये उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का सत्ता में आने के बाद जनता से किया गया पहला वादा था। सरकार अभी भी इस दावे को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताती है। लेकिन इस उपलब्धि की पोल लखनऊ से महज 80 किमी दूर और उत्तर प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े महानगर कानपुर में खुल गई है। दरअसल कानपुर में सड़क के गड्ढों से आजिज आकर कानपुर की भाजपा मेयर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धरना शुरू कर दिया है। बीते दिनों आई तेज आंधी और उसके बाद हुई बिन मौसम बरसात ने शहर के जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था।
तेज बरसात के कारण पानी सड़क के गड्ढों में जगह-जगह भर गया। इससे पूरे शहर में यातायात की समस्या पैदा हो गई थी। कई पैदल यात्री और बाइक सवार सड़क के पानी मेंं छिपे गड्ढे में गिरकर चोटिल हो चुके हैं। ये समस्या कानपुर दक्षिण और मध्य में सबसे बढ़कर है। सोमवार (23 अप्रैल) को तो अति हो गई। दरअसल कानपुर के चुन्नीगंज इलाके से सटे मैकरॉबर्टगंज में कानपुर के मण्डलायुक्त का आवास है। आवास के पास की सड़क पीडब्ल्यूडी ने एक हफ्ते पहले ही बनाई थी। लेकिन बरसात ने सड़क के निर्माण की गुणवत्ता की पोल खोल दी।
सड़क गड्ढा मुक्त करने के लिए दृढसंकल्पित है सरकार। pic.twitter.com/2AbUTJ28Co
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सोमवार को स्कूली बच्चों से भरी बस के गुजरते ही सड़क फट गई। किसी तरह ड्राइवर ने बस को कंट्रोल किया। इस रूट से कई स्कूली बसें गुजरती हैं, एक स्कूली बस तो पलटते हुए बच गई। लेकिन कई बच्चों को इस हादसे में गंभीर चोटें आईं हैं। स्थानीय लोगों ने बच्चों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया है। जब इस मामले की खबर कानपुर की मेयर प्रमिला पाण्डेय को लगी तो उन्होंने खुद मौका-मुआयना किया।
गड्ढा मुक्त हुईं जिला पंचायतों की सड़कें। pic.twitter.com/NTIr3wlsLl
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मेयर प्रमिला पाण्डेय ने जिला प्रशासन, पीडब्ल्यूडी के साथ ही नगर निगम के सभी अफसरों को मौके पर आने के निर्देश दिए। लेकिन कोई भी अफसर उनके बुलावे पर नहीं आया। इस बात से मेयर का पारा चढ़ गया। उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग में भ्रष्टाचार का जिन्न आज भी बैठा है। वह इस मामले की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से करेंगी। मेयर की सबसे ज्यादा नाराजगी पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर से थी। उन्होंने कहा कि नगर निगम किसी की बपौती नहीं है। जनता का पैसा है, पाई-पाई का हिसाब लेकर रहूंगी।
