उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के नए अध्यक्ष शिवपाल सिंह ने पद संभालते ही संगठन में छटनी करना शुरू कर दिया है। शनिवार को समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता पद से राजेंद्र चौधरी की विदाई के बाद रविवार को सपा के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले रामगोपाल यादव के भांजे और विधान परिषद सदस्य (MLC) अरविंद यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सपा के नए प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने अरविंद यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को सपा में अपने बाद दूसरे नंबर का नेता बताया था। सपा सुप्रीमो ने कहा था कि अखिलेश यादव नहीं, रामगोपाल यादव सपा में दूसरे नंबर पर है।

अरविंद यादव रामगोपाल यादव की बहन गीता देवी के बेटे हैं। अरविंद यादव ने 2006 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा और मैनपुरी के करहल ब्लॉक में ब्लॉक प्रमुख के पद पर निर्वाचित हुए थे। फरवरी 2016 में विधान परिषद के लिए सपा की ओर से भेजे गए उम्मीदवारों की लिस्ट में अरविंद यादव का भी नाम शामिल था। उन्हें एटा-मथुरा-मैनपुरी सीट से टिकट दिया गया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अरविंद यादव पर जमीनों पर अवैध कब्जों का आरोप है। एसपी के प्रदेश सचिव एसआरएस यादव ने बताया कि अरविंद को पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ असम्मानजनक और अमर्यादित टिप्पणी करने और को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने को भी निष्कासन का आधार बनाया है।

गौरतलब है कि शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले राजेंद्र चौधरी को पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया था। साथ ही अरविंद सिंह गोप को पार्टी के महासचिव पद से चलता कर दिया गया था। कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश ईकाई की कमान शिवपाल सिंह के हाथ में आने के बाद अभी और बदलाव होने की उम्मीद है। मुलायम सिंह यादव ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि उनका फैसला बदलने वाला नहीं है और शिवपाल यादव ही पार्टी की यूपी ईकाई के अध्यक्ष रहेंगे।