उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने आईपीएस अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप से खुद को अलग कर लिया। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक ग्रुप में आईपीएस अधिकारियों की आपसी खींचतान से राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ खासे नाराज हो गए और उन्होंने इसे डीजीपी से अवगत कराया। खबर यह भी है कि आरोपों के घेरे में आए गोरखपुर के आईजी जय नारायण सिंह ने लखनऊ के आईजी सुजीत पांडे से माफी मांग ली है। अमर उजाला अखबार में छपी खबर के मुताबिक शुक्रवार (4 जनवरी, 2018) को डीजीपी के ग्रुप छोड़ने पर कई आईपीएस अधिकारियों ने हैरानी जताई। अंदर खाने खबर यह भी है कि सवाल-जवाब करने के बजाय ग्रुप छोड़ने से समस्याएं हल नहीं होतीं। मामले में डीजीपी व गृह स्तर के मुख्य सचिव से संबंधित अधिकारियों से संबंधित अधिकारियों से मामले अनौपचारिक रूप स्पष्टीकरण मांगने की अपीक्षा की जा रही थी, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ।

दूसरी तरफ गोरखपुर आईजी जय नारायण सिंह ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट के जरिए कहा कि लखनऊ के आईजी सुजीत पांडे के बारे में जो वीडियो वायरल हुआ वो झूठा था। सुजीत ईमानदार और अच्छे दोस्त हैं। सुजीत से माफी मांगने में उन्हें कोई शर्मिंदगी नहीं। खबर के मुताबिक ग्रुप में सिंह के इस कदम की कई अधिकारियों ने तारीफ भी खूब की है। जानना चाहिए कि मामले में डीआईजी दीपक कुमार ने भी कहा कि जय नारायण सिंह सर से बात हो गई है, उन दोनों के बीच अब कोई दुराग्रह नहीं है। कुमार ने कहा कि दुख की बात के दो अधिकारियों की आपसी चर्चा भी इस तरह का मुद्दा बन गई।

गौरतलब है कि गुरुवार को आईपीएस अधिकारियों के बीच आपसी खींचतान उस वक्त सामने आई जब व्हाट्सग्रुप में दीपक कुमार की एसीआर में आईजी जय नारायण सिंह की प्रतिकूल टिप्पणी को मुख्य सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने खारिज कर दिया और आईजी सुजीत पांडे के संबंध में वीडियो पोस्ट कर दिया गया। खास बात यह है कि पुलिस अधिकारियों की इस रार में आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपाल गुप्ता औऱ डीजीपी ओपी सिंह के अलावा तमाम बड़े अधिकारी टिप्पणी करने से बचते रहे।