उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को अपने दो मंत्रियों को मंत्री पद से हटा दिया है। जिन लोगों को मंत्री पद से हटाया गया है, उनमें खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और पंचायती राज मंत्री राजकिशोर सिंह शामिल है। दोनों पर भ्रष्टाचार का आरोप है, जिसके चलते मंत्रिमंडल से उनकी छुट्टी की गई है। खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का करीबी बताया जाता है। गायत्री प्रजापति पर अवैध खनन को बढ़ावा देने का आरोप है, वहीं पंचायती राज मंत्री राजकिशोर सिंह पर जमीन कब्जाने और भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
गायत्री प्रजापति को हटाने का फैसला अखिलेश सरकार द्वारा ऐसे समय पर लिया गया है जब हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध खनन को लेकर सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। कहा जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद से राज्य सरकार पर दबाव था। नदियों के किनारों से रेत के अवैध खनन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 28 जुलाई को दिए अपने फैसले में सीबीआई को इस मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे। यूपी सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच रुकवाने के लिए 9 सितंबर को हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी, जिसे कार्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा था कि जब कुछ अवैध नहीं है तो सरकार जांच क्यों रुकवाना चाहती है।
READ ALSO: राहुल गांधी के जाने के बाद बोले हनुमानगढ़ी के मुख्य महंत- अखिलेश के आगे सब बेकार हैं,समझ रहे हैं ना?
गौरतलब है कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने भी हाल ही में अखिलेश सरकार को भ्रष्टाचार में लिप्ल नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। मुलायम ने कहा था कि 2017 विधानसभा चुनाव में अगर पार्टी फिर से सत्ता में आना चाहती है तो भूमि कब्जाने और अन्य भ्रष्टाचार की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। यूपी बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मंत्री को निकालने का सही फैसला लिया है। हमारी पार्टी हमेशा से राज्य में अवैध खनना का मुद्दा उठाती रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह फैसला पहले ही ले लेना चाहिए था।
READ ALSO: मुलायम परिवार पर ठाकुर बहुओं का कब्जा, फिर कहां से हो गयी सपा जातिवादी
