समाजवादी पार्टी में जारी अंतर्कलह सतह पर नजर आने लगी है। सीएम अखिलेश यादव द्वारा अहम मंत्रालय लिए जाने के बाद मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि नेता जी (मुलायम सिंह) की ओर से जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसे निभाएंगे। मंत्री पद से इस्तीफा देने के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि नेताजी से बात करने के बाद ही कोई निर्णय लेंगे। नेताजी जो फैसला लेंगे स्वीकार होगा।

पद छिनने को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विभाग देना या लेना सीएम का अधिकार होता है। इस पर मुलायम सिंह यादव से बात करेंगे। उन्होंने बताया कि आज सुबह नेताजी से बात हुई थी लेकिन मिलकर बात करेंगे। 2017 में होने वाला विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा इस पर शिवपाल सिंह यादव ने चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता नेताजी और समाजवादी पार्टी के साथ है।

मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच चल रही खींंचतान खुलकर सामने आई। अखिलेश सरकार द्वारा दो मंत्रियों को बर्खास्त करने के बाद मंगलवार सुबह मुख्य सचिव दीपक सिंघल को पद से हटा दिया था। हटाए गए मुख्य सचिव दीपक सिंघल को शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है। इसके बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश में पार्टी की कमान बेटे अखिलेश से लेकर छोटे भाई शिवपाल सिंह को सौंप दी। शाम को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल से तीन मंत्रालय लेे लिए।

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अखिलेश सरकार में अब तक PWD, सिंचाई, राजस्व विभाग और समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी शिवपाल सिंह यादव के पास थी। सीएम ने शिवपाल से PWD, सिंचाई, राजस्व विभाग वापस ले लिए हैं। अब चाचा शिवपाल सिंह के पास केवल समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी बची है। इसके बाद से खबरें आ रही है कि शिवपाल यादव मंत्रिमडल से इस्तीफा दे सकते हैं। बता दें कि इससे पहले मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के विलय को लेकर भी शिवपाल सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव आमने-सामने आ गए थे। अखिलेश यादव की वजह से इस विलय को रद्द करना पड़ा था। शिवपाल सिंह यादव सरकार और पार्टी के भीतर खुद को नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाते रहे हैं।

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