उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने प्रचार कमेटी के प्रमुख की जिम्मेदारी संजय सिंह कौ सौंपी है। संजय सिंह अमेठी के राज परिवार से आते हैं और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद है। अमेठी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है। गुरुवार को संजय सिंह के नाम के एलान के साथ ही पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर शीला दीक्षित के नाम की भी घोषणा की है।

ऐसा माना जा रहा है कि संजय सिंह को यह जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के कहने पर दी गई है। संजय सिंह को काफी तेज तरार और ऊर्जावान नेता माना जाता है। राज्य के ठाकुरो में उनकी अच्छी पकड़ भी मानी जाती है। पार्टी की रणनीति हैं कि जहां एक तरफ शीला के आने से ब्राह्मण वोर्टस कांग्रेस के पाले में आ सकते हैं तो वहीं संजय सिंह पार्टी को ठाकुर वोट दिलवाने में सहायक हो सकते हैं। इनके साथ ही पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी राज बब्बर को दी है जो पिछड़े वर्ग से आते हैं।

संजय सिंह इससे पहले दो बार कांग्रेस को छोड़ भी चुके हैं। पिछले काफी समय से संजय सिंह को नाराज भी बताए जा रहा था। संजय सिंह यूपीए सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज थे। खबरें थी कि एक बार फिर वे बीजेपी में जाने का मन बना रहे हैं ऐसे में पार्टी ने दो साल पहले असम से उन्हें राज्यसभा भेजा था।  साल 2014 के चुनाव में कांग्रेस पूरे राज्य में सिर्फ दो ही सीटें जीत पाई और सुल्तानपुर से वरुण गांधी सांसद बने।

संजय सिंह को वरुण के पिता स्वर्गीय संजय गांधी ही राजनीति में लाए थे। संजय सिंह को संजय गांधी और बाद में राजीव गांधी का करीबी माना जाता था। साल 1988 में संजय ने कांग्रेस से किनारा कर लिया और वे जनता दल में शामिल हो गए। जिसके कुछ समय बाद वे बीजेपी मे चले गए। साल 1998 में संजय सिंह बीजेपी के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़े और जीते। इसके बाद साल 1999 में भी संजय सिंह अमेठी से सोनिया गांधी के खिलाफ बीजेपी के उम्मीदवार बने लेकिन चुनाव हार गए। साल 2003 में वे वापस कांग्रेस में आ गए।