समाजवादी पार्टी में चल रही कलह की सुलह के लिए मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच समझौता होने की खबर अफवाह साबित हुई। पार्टी से निष्कासित रामगोपाल यादव ने कहा है कि अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच 3 घंटों तक चली बातचीत फेल हो गई है। उन्होंने कहा, ”जो भी बातचीत चल रही उसका कोई मतलब नहीं है। हम चुनाव आयोग जा चुके, वही फैसला करेगा।” गौरतलब है कि एक जनवरी को विशेष अधिवेशन में अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। इसमें मुलायम को मार्गदर्शक बना दिया गया था। साथ ही उत्तर प्रदेश सपा अध्यक्ष पद पर नरेश उत्तम को नियुक्त किया गया था। यह पद शिवपाल यादव के पास था। इस अधिवेशन के बाद मुलायम ने रामगोपाल यादव को छह साल के लिए सपा से निकाल दिया था।
बताया जाता है कि मुलायम और अखिलेश के बीच सुलह के लिए आजम खां ने मध्यस्थता की। अमर सिंह ने भी बाप-बेटे के साथ आने का समर्थन किया था। इससे पहले चुनाव चिन्ह में साइकिल निशान को लेकर रामगोपाल यादव चुनाव आयोग गए। उन्होंने वहां बताया कि पार्टी के 90 प्रतिशत विधायक अखिलेश के पक्ष में हैं। एक दिन पहले ही मुलायम, अमर सिंह, शिवपाल और जयाप्रदा भी चुनाव आयोग में अपना पक्ष रखने गए थे।
बता दें कि समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार (30 दिसंबर) को बहुत बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने पुत्र एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से छह-छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था। सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री अखिलेश और महासचिव रामगोपाल को कारण बताओ नोटिस जारी करने के महज पौन घंटे के अंदर संवाददाता सम्मेलन करके दोनों को पार्टी से निकालने का फरमान सुना दिया था।