समाजवादी पार्टी में चाचा-भतीजे के बीच जारी जंग फिलहाल खत्म होती हुए नजर आ रही है। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के हस्तक्षेप के कारण विवाद का पटाक्षेप होने की संभावना जताई जा रही है। समाजवादी पार्टी में मुलायम के बाद दूसरे नंबर पर कौन है, इसको लेकर लंबे समय से बहस जारी है। अब इस सवाल का जवाब मुलायम सिंह यादव ने खुद दिया है। सपा सुप्रीमो ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि अखिलेश यादव नहीं, रामगोपाल यादव सपा में दूसरे नंबर पर है। राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता हैं।
सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर फैसला वह खुद करेंगे, ना तो शिवपाल सिंह और ना ही अखिलेश यादव इसका फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश और शिवपाल का कोई सुझाव या राय होगी तो उसे शामिल किया जाएगा। कहा जा रहा था कि अखिलेश यादव ने शुक्रवार को हुई मीटिंग में भी टिकट बंटवारे में तरजीह देने की बात सपा सुप्रीमो के सामने उठाई थी।
शुक्रवार को मुलायम सिंह ने दोनों नेताओं के बीच सुलाह करवाने के बाद कार्यकर्ताओं से कहा था कि उनका फैसला नहीं बदलेगा और शिवपाल यादव ही समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर वो (अखिलेश यादव) मेरे बेटे नहीं होते तो कोई उन्हें स्वीकार नहीं करता। मैंने और शिवपाल ने उस समय पार्टी को खड़ा किया जब अखिलेश स्कूल जाया करते थे। वहीं, दूसरी ओर यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए शिवपाल यादव को पूरा समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि विधानसभा चुनाव के लिए कड़ी मेहनत करें। अखिलेश ने शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर धन्यवाद भी दिया।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच तनातनी चल रही थी। दोनों नेताओं के बीच मुख्तार अंसारी की पार्टी का सपा में विलय किए जाने के बाद से विवाद शुरू हुआ। अखिलेश इस विलय के खिलाफ थे। बाद में विलय को रद्द कर दिया गया। कहा जा रहा था कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव की इच्छा से विलय के प्रक्रिया को पूरा किया गया था। हाल ही में खनन मुद्दे पर घिरी यूपी सरकार ने मंत्री गायत्री प्रजापति को पद से हटा दिया था। उसके अगले दिन मुख्य सचिव दीपक सिंघल को भी हटा दिया गया। दोनों ही शिवपाल सिंह के करीबी बताए जाते हैं। इससे नाराज सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने अखिलेश की जगह शिवपाल को उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बना दिया था। इसके बाद अखिलेश ने शिवपाल से मंत्री पद वापस ले लिए थे। बाद में मुलायम सिंह के दखल के बाद अखिलेश को फैसला वापस लेना पड़ा।
