समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाल दिया गया। वह अखिलेश के समर्थन में थे। उन्हें मुलायम सिंह यादव ने पार्टी से निकाला। रामगोपाल को छह साल के लिए पार्टी से निकाला गया। उनसे महासचिव का पद भी छीन लिया गया। इससे पहले अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिपरिषद से चाचा शिवपाल सिंह यादव समेत चार मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है। मुख्यमंत्री ने बर्खास्तगी की चिट्ठी राज्यपाल राम नाईक को भेज दी थी। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार से बर्खास्तगी के बाद शिवपाल सिंह यादव ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा है था कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पार्टी के ही एक बड़े नेता की चाल का शिकार हो गए हैं, जिसे वो समझ नहीं सके और ऐसा कदम उठा लिया। उनका इशारा रामगोपाल यादव की ओर था। शिवपाल ने रामगोपाल यादव का नाम लिए बिना कहा, पार्टी के कुछ बड़े नेता सीबीआई से बचने के लिए बीजेपी से मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि यह वक्त चुनाव का है, इसलिए एकजुट होकर सभी लोग पार्टी हित में काम करें। शिवपाल ने यह भी कहा कि मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में वो विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘आप निरंतर सांप्रदायिक ताकतों के इशारे पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय नेताजी की गरिमा एवं गुरुत्व के प्रतिकूल टिप्पणी करते हुए लांछित रहे हैं एवं नेताजी की नेतृत्व क्षमता पर प्रश्न उठा रहे हैं। षडयंत्र के तहत उन पत्रों को मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक कर रहे हैं। यही नहीं आप अखिलेश सरकार की स्वच्छ छवि को भी बार-बार धूमिल करने पर आमादा हैं। इसके पूर्व भी बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सेकुलर व सोशलिस्ट महागठबंधन को आपके षडयंत्र के कारण ही बिखरना पड़ा था, जबकि सांप्रदायिकता विरोधी सभी नेता मुलायम सिंह जी को अपना नेतृत्व एवं चुनाव चिन्ह तक सौंपने पर सहमति व्यक्त कर चुके थे। राष्ट्रीय महासचिव के रूप में आपने गत वर्षों में समाजवादी पार्टी के सभी आनुषांगित संघटनों को काफी कमजोर कर दिया है। नेताजी की उदारता का दुरूपयोग करते हुए राष्ट्रीय राजनीति में समाजवादी पार्टी की छवि एवं विश्वसनीयता का अवमुल्यन किया है। आप सीबीआई से स्वंय, अपने पुत्र अक्षय एवं पुत्रवधु को बचाने के लिए पूरी की पूरी समाजवादी पार्टी के अस्तितव को सांप्रदायिक ताकतों के हाथों गिरवी रखने की कवायद में लगे हुए हैं। अपने षडयंत्रों को पूरा करने के लिए आप तीन बार भाजपा के बड़े नेता से गोपनीय तौर पर मिल चुके हैं। अतएव, आपके पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्ट होने, भ्रष्टाचारिोयं, दलालों, गलत कामों में लिप्ट लोगों तथा दूसरों को जमीन कबजाने वाोलं को संरक्षण देने एवं अनुशासनहीन आचरण को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के आदेशानुसार आपको राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता के पद से बर्खास्त करते हुए समाजवादी पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।’
Shivpal Singh Yadav's letter to Ram Gopal Yadav after an official announcement was made about latter's expulsion, a short while ago pic.twitter.com/w7Axmr24Lk
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 23, 2016
हालांकि, अखिलेश द्वारा नई पार्टी बनाए जाने की भी खबर भी है। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने समर्थकों के साथ मिलकर अलग पार्टी बना सकते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पार्टी का नाम ‘प्रोग्रेसिव समाजवादी पार्टी’ रखा जा सकता है। वहीं उसका चिन्ह ‘मोटरसाइकिल’ हो सकता है। यह चर्चा पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव के दिल्ली आकर इलेक्शन कमिशनर के मिलने के बाद से तेज हो रही है।
खबर के मुताबिक, अखिलेश के एक समर्थक ने बताया कि यह सबसे आखिरी और बेहद दुखदाई फैसला होगा। समर्थक का मानना है कि नई पार्टी सत्ता में आ सकती है क्योंकि उसे लोग अखिलेश यादव द्वारा किए गए अच्छे कामों की वजह से वोट देंगे।गौरतलब है कि बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी ‘कौमी एकता दल’ के समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर यह झगड़ा शुरू हुआ था। अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव विलय करवाना चाहते थे वहीं अखिलेश इसके खिलाफ थे। अखिलेश की गैरमौजूदगी में विलय हो भी गया था। लेकिन बाद में अखिलेश ने विलय खत्म कर दिया। इसके बाद से अखिलेश और शिवपाल के बीच दूरियां बढ़ने लगीं। अखिलेश ने कई बार मीडिया के सामने आकर कहा कि लड़ाई पारिवारिक ना होकर राजनीतिक है। इसके बाद अखिलेश ने शिवपाल से कई बड़े विभाग छीन भी लिए थे। फिर शिवपाल के समर्थकों के प्रदर्शन के बाद अखिलेश ने उन्हें विभाग लौटा भी दिए। इसी बीच शिवपाल ने मुलायम सिंह को अपने ‘पाले’ में करके कौमी एकता दल का विलय समाजवादी पार्टी में कर लिया था। हाल ही में अखिलेश अपनी पत्नी के साथ अलग घर में भी शिफ्ट हो गए हैं।
Ram Gopal expelled from the Samajwadi party and General Secy position for 6 years: Shivpal Singh Yadav, SP
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 23, 2016