कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद समाजवादी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अपना रुख बदल दिया है। उन्हाेंने कहा है कि सपा किसी तरह का गठबंधन नहीं करेगी। मुलायम और प्रशांत के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में बंद दरवाजों के पीछे बैठक हुई थी, जिसके बाद कयास लग रहे थे कि यूपी में 2017 विधानसभा चुनावों के पहले एक बड़ा गठबंधन सामने आ सकता है। यह बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि अगर कोई गठबंधन होता है तो, 43 वर्षीय अखिलेश का टिकट वितरण में बड़ी भूमिका होने की उम्मीद है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी को काउंटर करने के लिए जनता परिवार पार्टियों और कांग्रेस के बीच ‘महागठबंधन’ होने की चर्चाएं थीं। ऐसे में किशोर अखिलेश से मिले और 3 घंटों की बैठक में, माना जा रहा है कि दोनों के बीच आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के राजनैतिक हालात पर चर्चा हुई होगी। हालांकि अखिलेश सतर्क नजर आए जब उन्होंने कहा कि गठबंधन की संभावना में किसको फायदा होगा और कौन हारेगा, इस पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। इस मुद्दे पर कोई बयान देने की बजाय अखिलेश ने रिपोर्टर्स से कहा था, ”चुनाव करीब हैं, किसको फायदा होगा, किसको नुकसान (गठबंधन की स्थिति में), यह देखना है। फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को करना है। मैं अपने सुझाव सिर्फ पार्टी प्लेटफॉर्म पर ही दूंगा।” जब उनसे स्पष्ट तौर पर कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी के गठबंधन के बारे में पूछा गया तो अख्ािलेश ने कहा, ”अगर सपा और कांग्रेस गठबंधन चाहते हैं तो क्या आप (मीडिया) रोकेंगे?” मुलायम और अखिलेश के साथ किशोर की लगातार चली मुलाकातों से सपा की रजत जयंती बैठक में चर्चाएं होती रहीं।
वीडियो: “उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले कोई गठबंधन नहीं”: मुलायम सिंह यादव
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुलायम ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 500, 1000 रुपए के नोट अवैध घोषित करने के फैसले को टालने की मांग की। उन्होंने कहा कि “हम भी चाहते हैं देश में कालाधन वापस आए और इसका इस्तेमाल देश के विकास में हो। हम नहीं चाहते कि चुनाव में कोई भी पार्टी कालेधन का इस्तेमाल करे। मुलायम सिंह ने कहा, “भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान कालाधन वापस लाने का फैसला किया था। लेकिन आम लोगों का कालेधन को लेकर दबाव पड़ने के बाद उन्होंने नोटों पर ही बैन लगा दिया। केंद्र सरकार ने इस फैसले से पूरे देश में अराजकता फैला दी है। आम लोग रोजमर्रा का सामान भी नहीं खरीद पा रहे।”