समाजवादी पार्टी (एसपी) के पूर्व राज्यसभा सांसद वीरपाल सिंह के खिलाफ हिंदू देवताओं और कांवड़ियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि सपा नेता ने बरेली जिले में हिंदू धर्म का अपमान किया। इस मामले में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 295 A और 504 के तहत केस दर्ज किया है। ये एफआईआर बिथरी चैनपुर पुलिस स्टेशन में एक सब इंस्पेक्टर (SI) ब्रजपाल सिंह की शिकायत की बाद दर्ज की गई है। एसआई ब्रजपाल सिंह ने बताया कि 21 सितंबर को हिंदू बहुल इलाके से मोहर्रम जुलूस निकालने की कोशिश करने के चलते 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। एसआई के मुताबिक, ‘पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने हम पर हमला किया और पत्थरबाजी की। इसपर बुधवार (26 सिंतबर, 2018) को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता वीर पाल सिंह मुस्लिम बहुल उमरिया गांव पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्थानीय निवासियों को उन्होंने धर्म के आधार पर उकसाया।’ सब इंस्पेक्टर ने बताया कि तब सपा नेता ने हिंदू देवता राम, शिव और कांवड़ियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। वीर पाल सिंह के बयान का यह वीडियो जब सोशल मीडिया में वायरल हुआ तब मैंने उनके खिलाफ एफआई दर्ज कराई।
एसआई ब्रजपाल सिंह ने आगे बताया, ’21 सितंबर के दिन करीब एक हजार लोगों की भीड़ ताजिया जुलूस लेकर एनएच-24 पर पहुंची और छह घंटे के लिए हाईवे जाम कर दिया। वो पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उनके पास कथित तौर पर हथियार भी थे। तब करीब 800 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।’ सब इंस्पेक्टर ने आगे बताया कि बीते बुधवार की सुबह गांव पहुंचे सपा नेता वीरपाल ने कहा कि सपा को राम और शिव से लड़ना होगा, अगर वे देश में शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश कांवड़ियों को शराब और नशे की लत है। सपा नेता ने यह भी कहा कि स्थानीय विधायक पप्पू भरतौल सांप्रदायिक दंगों के लिए लोगों को भड़काना चाहते हैं।
हालांकि इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में सपा नेता ने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई बयानबाजी नहीं की। उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया जिससे सांप्रदायिक तनाव फैलाए। सपा नेता ने कहा, ‘जब कांवड़ यात्रा होती है, तो कांवड़ियां भगवा टी-शर्ट में आते हैं, जिनके सामने की तरफ मोदी और पीछे की तरफ योगी की तस्वीर होती है। उनके एक हाथ में तलवार होती है जबकि दूसरे में शराब की बोतल। वो गानों पर डांस करते हुए कहते हैं कि अखिलेश ने कांवड़ यात्रा रोक दी और योगी ने इसे शुरू किया। मुझे समझ नहीं आता कि भगवान शिव इससे कैसे खुश हो सकते हैं। वह कभी ऐसे कांवड़ियों का स्वागत नहीं करते और यही बात है जो मैंने पूर्व में कही।’
हिंदू भगवान पर आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप पर सपा नेता ने कहा कि उन्होंने जो कहा उसका मतलब था कि भाजपा के लोग छद्म राम और शिव भक्त हैं और हमें इन नकली राम और शिव से लड़ना है। सपा के मुताबिक मैंने ऐसी कोई बात नहीं कही जिससे सांप्रदायिक तनाव पैदा हो। मैंने कांवड़ियों के खिलाफ बोला और अगले साल से पहले कोई कांवड़ यात्रा नहीं निकल रही है। भाजपा को यह चीजें से सिर्फ चुनाव से ठीक पहले याद आती हैं।