लखनऊ। उत्तर प्रदेश में व्याप्त बिजली संकट और विपक्षी दलों के विरोध को दरकिनार करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बुधवार को बिजली दरों में औसतन नौ फीसद की बढ़ोतरी घोषित कर दी। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह बढ़ोतरी 12 फीसद से भी अधिक है।

आयोग के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा ने बढ़ी दरों की घोषणा करते हुए बताया कि अब बिना मीटर के घरेलू कनेक्शनों पर हर महीने 180 रुपए प्रति कनेक्शन के बजाय एक से दो किलोवाट लोड पर ही 180 रुपए देने होंगे। दो किलोवाट से अधिक लोड हो जाने पर 200 रुपए देने होंगे। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में मीटर लगे कनेक्शनों पर सिंगल प्वांइट बल्क (एक कनेक्शन पर दो से अधिक किलोवाट लोड पर) 151 यूनिट से अधिक के उपभोग पर प्रति यूनिट चार रुपए के बजाय 4.50 रुपए और 301 से 500 यूनिट तक पांच रुपए प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ग में एक नई श्रेणी बनाई गई है। इसके तहत पांच सौ यूनिट से अधिक उपभोग पर पांच के बजाय 5.50 रुपए देने होंगे।

वर्मा ने बताया कि एक किलोवाट से कम लोड वाले गरीब उपभोक्ताओं के लिए सौ यूनिट तक पुरानी दरें लागू रहेंगी, लेकिन सौ से डेढ़ सौ यूनिट के बीच प्रति यूनिट 2.6 रुपए के बजाय 2.85 रुपए चुकाने होंगे। देहाती क्षेत्रों में मीटर विहीन व्यावसायिक उपभोक्ताओं को अब दो किलोवाट लोड पर हर महीने 350 और इससे धिक लोड पर 400 रुपए चुकाने होंगे। शहरी क्षेत्र में दरों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। तीन सौ यूनिट तक पुरानी दरें लगेंगी, 301 से 1000 यूनिट तक प्रति यूनिट 6.6 रुपए और इससे अधिक पर 7.1 रुपए प्रति यूनिट भुगतान करना होगा। पूर्व भुगतान करने वालों को 0.25 फीसद की छूट दी जाएगी।

विद्युत उपभोक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि बिजली दरों में बढ़ोतरी को अदालत में चुनौती दी जाएगी। भाजपा ने बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ आयोग भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया। बसपा अध्यक्ष मायावती ने बिजली दरों में बढ़ोतरी को सपा सरकार का एक और जनविरोधी फैसला करार दिया।

प्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा और राज्य विद्युत निगम के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बिजली दरों में बढ़ोतरी को जायज बताते हुए कहा कि प्रदेश में दिल्ली, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र की तुलना में घरेलू बिजली दरें कम हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं है। 50 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले शहरी उपभोक्ताओं के लिए दरों में कमी की गई है। डेढ़ सौ यूनिट तक पहले की ही दर रखी गई है। सिंचाई के लिए दी जाने वाली बिजली दरें भी नहीं बढ़ाई हैं।