बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया है कि आम बजट सभी राज्यों में चुनाव के बाद पेश किया जाए। मायावती ने चुनाव आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित किये जाने का स्वागत करते हुए अनुरोध किया है कि वह केन्द्र की भाजपा नीत सरकार को चुनाव के बीच एक फरवरी को आम बजट पेश करने से रोके। मायावती ने आयोग से अनुरोध किया कि वह चार फरवरी से आठ मार्च के बीच पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को निष्पक्ष ढंग से कराने के लिये केंद्र सरकार पूर्व निर्धारित तिथि यानी एक फरवरी को आम बजट पेश ना करे, क्योंकि चुनाव के दौरान आम बजट पेश करके मतदाताओं को प्रभावित किया जा सकता है।
गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल ही आम बजट 1 फरवरी को पेश करने का फैसला लिया था। इसके पीछे सरकार का इरादा यह है कि समूची बजट प्रक्रिया को एक अप्रैल को नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले कर लिया जाए, ताकि बजट प्रस्तावों को नया वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही अमल में लाया जा सके। लेकिन चुनाव होने की वजह से मायावती ने आयोग से यह अनुरोध किया है कि बजट चुनाव के बाद पेश किया जाए।
उन्होंने ने कहा कि आयोग केंद्र सरकार से कहे कि वह वर्ष 2012 की ही तरह सभी पांच राज्यों में मतदान की अंतिम तिथि यानी आठ मार्च के बाद किसी भी दिन बजट पेश करे। बसपा अध्यक्ष ने निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिये मतदान कार्यक्रम घोषित करने का स्वागत करते हुये कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखण्ड और पंजाब में भी विधानसभा का चुनाव अपने बलबूते पर लड़ेगी।
मायावती ने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार द्वारा पुलिस तथा प्रशासन को संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिये लगातार इस्तेमाल किया जाता रहा है। आगे भी सपा की कामचलाऊ सरकार प्रशासनिक तंत्र का गलत इस्तेमाल कर सकती है। ऐसे में जरूरी है कि केंद्रीय सुरक्षा बलों की अधिक से अधिक तैनाती हो और स्थानीय पुलिस पर भी कड़ी नजर रखी जाये ताकि वह मनमाना और पक्षपाती रवैया ना अपना सके।

