भाजपा के निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह ने रविवार (7 अगस्त) को जेल से रिहा होने के बाद बसपा प्रमुख मायावती पर फिर हमला बोलते हुए उन पर टिकट बेचने का आरोप लगाया। इसके साथ ही सिंह ने उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में किसी सामान्य सीट पर उनकी पत्नी के खिलाफ मैदान में उतरने की बसपा प्रमुख को चुनौती दी। सिंह ने मायावती के खिलाफ आरोपों की सीबीआइ जांच कराने की मांग की और कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वह इस मुद्दे पर जनहित याचिका दाखिल करेंगे। सिंह को मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। उन्हें एक स्थानीय अदालत से जमानत मिलने के एक दिन बाद रविवार को मऊ जेल से रिहा कर दिया गया।

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने बिहार पुलिस की मदद से 29 जुलाई को सिंह को बक्सर जिले में गिरफ्तार किया था। सुबह जेल से रिहा होने के बाद दयाशंकर सिंह ने एक मंदिर में पूजा- अर्चना की और उसके तुरंत बाद लखनऊ के लिए रवाना हो गए जहां उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने बयान पर दृढ़ हूं कि मायावती टिकट बेचती हैं। उस समय मैंने एक शब्द का उपयोग किया जिसको लेकर मैंने उसी दिन खेद जताया था।’ उन्होंने कहा, ‘मैं मायावती को चुनौती देता हूं कि वह चुनाव लड़ने के लिए कोई भी सामान्य सीट चुन लें और मेरी पत्नी के खिलाफ चुनाव लड़ें। बसपा नेता को वास्तविकता का पता चल जाएगा।’ सिंह ने चुनावों में पार्टी टिकटों को कथित तौर पर ‘नीलाम’ किए जाने की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की।

भाजपा के निष्कासित पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा, ‘मेरी पार्टी ने मुझे पद से हटा दिया और मुझे निष्कासित कर दिया लेकिन इससे मायावती संतुष्ट नहीं हुईं और मेरे खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई।’ उन्होंने कहा कि 21 जुलाई को वरिष्ठ बसपा नेताओं नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर की अगुआई में बसपा कार्यकर्ताओं ने उनकी वृद्ध मां, नाबालिग बेटियों और पत्नी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। सिंह ने कहा कि उनके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव किया गया। ऐसी सरगर्मी से तलाश की गई, जैसे दाऊद इब्राहिम को ढूंढा जा रहा हो, और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले बसपा नेता खुलेआम घूम रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री ने उनके बयानों की निंदा की थी।

उन्होंने कहा, ‘मैं सीबीआइ की जांच की मांग के साथ जनहित याचिका दाखिल करूंगा। मायावती भ्रष्टाचार की जननी हैं।’ सिंह ने मायावती के भाई और सिद्दीकी पर भी हमला बोला। मऊ में उनकी रिहाई के पहले, आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक जेल परिसर के बाहर एकत्र थे। सिंह ने कहा कि भाजपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया है लेकिन उन्होंने खुद को पार्टी से अलग नहीं किया है। उन्होेंने कहा कि वह लंबे समय से भाजपा और आरएसएस से जुड़े रहे हैं और यह उनकी रगों में है।