यूपी के बिसहड़ा गांव में गाय का मांस रखने के आरोप में भीड़ द्वारा मारे गए मोहम्मद अखलाक के बेटे को मथुरा लैब में भेजे गए मीट पर शक है। अखलाक के बेटे सरताज का कहना है कि मथुरा की लैब में टेस्ट करने के लिए जो मीट भेजा गया था उसे वहां भेजे जाने से पहले ही बदल दिया गया था। सरताज ने यह बात मंगलवार (26 जुलाई) को कही। सरताज ने यह भी बताया कि वह बुधवार को यूपी के डीपीजी जावेद अहमद से मिल सकते हैं। जावेद से मिलकर सरताज उस मीट को देखना चाहते हैं जिसका सैंपल लैब में भेजा गया था। सरताज ने यह भी बताया कि वह अपने पिता अखलाक और परिवार के बाकी 6 लोगों पर दर्ज FIR के खिलाफ अपील करने के लिए इलाहबाद कोर्ट भी जाएंगे। उनके परिवार पर FIR 14 जुलाई को दर्ज हुई थी। इसमें गोहत्या और पशु क्रूरता का मामला दर्ज किया गया है।

सरताज ने कहा कि उनके परिवार को पीड़ित की जगह दोषियों की तरह से देखा जा रहा है। सरताज को कि इंडियन एयरफोर्स में काम करते हैं, उन्होंने कहा, ‘जो मीट मेरे घर से लिया गया था उसे पुलिस ने ठीक से रखा नहीं। जो मीट घर से जब्त किया गया और जो लैब में भेजा गया उसपर मुझे शक है। मैंने मेरे पिता के मर्डर केस की भी आगे जांच की मांग की है।’

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वहीं अखलाक के परिवार के वकील मोहम्मद असद हयात ने भी मीट के बदले जाने की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने बॉक्स जब्त करते वक्त उसे सील नहीं किया था। जब उसे जिले के पशु चिकित्सा विभाग में भेजा गया था तो रिपोर्ट में आया था कि वह मटन है। डिपार्टमेंट ने प्लास्टिक के बॉक्स में पुलिस को मीट सौंपा और पुलिस ने एक बर्तन में उसे मथुरा लैब भेजा था।’

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