उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा नेता और पूर्व प्रदेश मंत्री प्रतयूषमणि त्रिपाठी हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सोमवार (10 दिसंबर, 2018) को पुलिस ने बताया कि मृतक ने खुद अपने ऊपर हमला करवाया था। ऐसा एक पुराने विवाद में आरोपियों को जेल भिजवाने के लिए यह साजिश रची गई थी। हालांकि शरीर से ज्यादा खून बहने की वजह से भाजपा नेता की 3 दिसंबर को मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक त्रिपाठी पर 25 नवंबर की रात मोहल्ले में रहने वाले 20-25 लोगों ने हमला कर दिया। इसमें दोनों पक्षों ने एक दूसरे खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस के मुताबिक भाजपा नेता ने हमले का बदला लेने के लिए पांच दोस्तों के साथ मिलकर खुद पर हमला करवाया। खुद पर हमले का मकसद था कि पूर्व में हमले के आरोपियों की जमानत ना हो। इसके अलावा अन्य लोगों को भी जेल भेजने की योजना थी। खबर यह भी है कि भाजपा नेता अपने लिए सुरक्षा चाहते थे। इसके लिए तीन दिसंबर को अपने दोस्तों को दुश्मनों के पोशाक में आकर खुद पर हमला करने को कहा।

पुलिस के मुताबिक त्रिपाठी पर जब चाकू से हमला किया गया और इससे गहरा जख्म नहीं हुआ तो उन्होंने जोर से मारने को कहा। दूसरी बार हमला किया गया तो घाव गहरा हो गया। मगर अस्पताल ले जाते वक्त ज्यादा खून बहने की वजह से उनकी हालत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई। इस मामले में मृतक के पांच दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस मोबाइल कॉल डिटेल, सीसीटीवी और अन्य सबूतों के आधार पर मर्डर का केस सुलझाने का दावा किया है।