आजमगढ़ के जिलाधिकारी (डीएम) सुहास लालिंकरे याथीराज (LY) जब मंगलवार को चीन से लौटे तो उनका स्वागत एक हीरो की तरह किया गया। 33 साल के आईएएस ऑफिसर सुहास एलवाई ने बीजिंग में 27 नवंबर को हुए एशियन पैरा बैडमिंटन फाइनल को जीता और देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने 26 नवंबर को सेमीफाइनल में कोरिया के क्योन ह्वान सान को हराकर फाइनल प्रवेश किया था। फाइनल में उनका मुकाबला इंडोनेशिया के हरे सुशांतो से हुआ, जिन्हें हराकर सुहास ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। सुहास मंगलवार को लखनऊ पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हुई। इसके बाद वह आजमगढ़ के लिए रवाना हुए।

सुहास ने इंडोनेशिया के हरे सुशांतो को 21-2, 21-11 से हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। इस तरह सुहास इंटरनेशनल खिताब जीतने वाले पहले आईएएस भी बन गये। एशियन पैरालिंपिक चैपियनशिप सुहास की पहली चैंपियनशिप थी जो उन्होंने बेडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन के अंडर खेली। कर्नाटक के शिमोगा जिले के रहने वाले सुहास के पिता एक सिविल इंजीनियर थे। खुद सुहास ने भी अपने करियर की शुरुआत बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर की थी। एक दशक पहले जब सुहास ने सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए अपनी जॉब छोड़ी तो हर कोई हैरान रह गया।

ऑफिस से पहले करते हैं प्रैक्टिस- 

2007 बैच के आईएएस ऑफिसर सुहास ने कहा, “एक जिलाधिकारी होते हुए चीन, कोरिया और मलेशिया के प्रोफेशनल खिलाड़ियों से टक्कर लेना आसान नहीं था। ये लोग हर दिन कई-कई घंटे तक ट्रेनिंग करते हैं। बेडमिंटन मेरा जुनून है और सिविल सर्विसेज मेरा सपना। मैं अपने जुनून को पूरा करना चाहता था वो भी अपनी नौकरी को प्रभावित किए बिना। मैं सुबह दफ्तर जाने से पहले और रात को लौटने के बाद बेडमिंटन की प्रैक्टिस करता हूं।”

सीएम ने दी बधाई-

सुहास ने मंगलवार को सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात की। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई इस मुलाकात में मुख्यमंत्री ने सुहास की उपलब्धि पर बधाई दी। साथ ही कहा कि सुहाल की इस उपलब्धि पर मुझे गर्व है। मुख्यमंत्री ने सुहास से मुलाकात की जानकारी अपने टि्वटर एकाउंट पर ट्वीट करके दी है। साथ ही उनके साथ अपना फोटो भी पोस्ट किया है। सुहास की गिनती अच्छे अधिकारी के तौर पर होती है, उनके परिवार में एक 6 साल की बेटी व 2 साल का बेटा है। इस जीत के बाद सुहास के बच्चे और परिवार में भी खुशी का माहौल है।