उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की ओर से हॉर्डिंग और पोस्टर वार लगातार जारी है। अब समाजवादी पार्टी के अंदर मची कलह को लेकर भी पोस्टर वॉर शुरू हो गया है। यूपी की राजधानी लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय महासचिव का आपत्तिजनक पोस्टर लगाया गया। इसमें अमर सिंह की तुलना कुत्ते से करते हुए दिखाया गया है। पोस्टर में कुत्ते के चेहरे की जगह सपा नेता का फेस लगाया है और लिखा है- “मैं अमर सिंह हूं, मैं बीजेपी का एजेंट हूं। मैं घर तोड़ने में माहिर हूं।” वहीं, पूंछ के पास लिखा है- कभी सीधी नहीं होगी। यह पोस्टर लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रनेता अनिल यादव ‘मास्टर’ और आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ महामंत्री विनीत कुशवाहा ने लगवाया है। सपा में जारी विवाद के बीच अखिलेश यादव के समर्थक लगातार अमर सिंह का विरोध करते हुए आ रहे हैं। अखिलेश और रामगोपाल समर्थक खेमा अमर सिंह के विरोध में है।  बता दें कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी बुरे दौर से गुजरी है। समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और सरकार के मुखिया अखिलेश यादव के जंग जारी है।

समाजवादी पार्टी में जारी विवाद को लेकर अमर सिंह पर निशाना साधा जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस विवाद के पीछे अमर सिंह का हाथ है। हालांकि अमर सिंह ने विवाद में हाथ होने से इंकार किया था। वहीं सपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे राम गोपाल यादव ने अमर सिंह पर इस लड़ाई की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा था कि समाजवादी पार्टी को तोड़ना उनका परम लक्ष्य है। उन्होंने शिवपाल यादव को चुनौती दी कि यूपी में कहीं भी जाकर मेरे खिलाफ बोलकर दिखाएं, उन्हें पता चल जाएगा कि मैं क्या चीज हूं। रामगोपाल यादव ने ये भी कहा कि मुलायम सिंह कुछ असुरी शक्तियों से घिर गए हैं।

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गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी में जारी विवाद रविवार को एक बार फिर उस समय चर्चा में आ गया। जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव समेत 4 मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था। मुख्यमंत्री ने अमर सिंह को बैठक में ही दलाल कहा और कहा कि जिस व्यक्ति ने पार्टी में झगड़े पैदा किए उन्हें माफी नहीं दी जाएगी और बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री ने शिवपाल समेत 4 मंत्रियों को कैबिनेट से हटा दिया था। मुख्तार की पार्टी कौमी एकता दल का सपा में विलय के बाद से पार्टी में मतभेद उभरे थे। अखिलेश यादव इस विलय के खिलाफ थे और शिवपाल यादव ने यह विलय करवाया था।

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