समाजवादी पार्टी अध्‍यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पुत्र अखिलेश यादव पर बेहद कड़ी टिप्‍पणी की है। अखिलेश को अनुशासनहीनता के चलते पार्टी से 6 साल के लिए निष्‍कासित करने के बाद मुलायम ने कहा कि यह फैसला पार्टी के भले के लिए लिया गया है। उन्‍होंने कहा, ”जो भी पार्टी विरोधी काम करेगा उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे, पार्टी में अनुशासन बनाए रखना पहली प्राथमिकता है।” मुलायम ने कहा, ”मैंने अकेले ही पार्टी बनाई थी, इनका क्‍या योगदान है? राम गोपाल और अखिलेश यादव पार्टी खत्‍म कर रहे हैं।

मुलायम ने कहा कि हमारे लिएपार्टी सबसे अहम है और हमारी प्राथमिकता पार्टी को बचाना है। पार्टी को बचाने के लिए हमने रामगोपाल और अखिलेश यादव को छह साल के लिए निकाल दिया है। उन्‍होंने रामगोपाल यादव को लेकर कहा, “वह (रामगोपाल यादव) मेरी अनुमति के बिना नेशनल एग्‍जीक्‍यूटिव की आपात बैठक कैसे बुला सकते हैं। सामान्‍य तौर पर 10 से 15 दिन का नोटिस पीरियड दिया जाता है। पार्टी अध्‍यक्ष के अलावा कोई भी नेशनल एग्‍जीक्‍यूटिव की मीटिंग नहीं बुला सकता। ऐसा करके पार्टी के हितों को नुकसान पहुंचाया गया है।”

मुलायम के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए रामगोपाल ने कहा कि उन्हें असंवैधानिक तरीके से पार्टी से बाहर निकाला गया है। लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रामगोपाल ने कहा, “पार्टी के भीतर पूरा काम ही असंवैधानिक हो रहा है। जब मुझसे जवाब मांगा गया था, तब निकालने की क्या जरूरत थी। यह तो असंवैधानिक है।” मुलायम पर पलटवार करते हुए रामगोपाल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष ने मिलकर टिकटों की घोषणा कर दी। क्या टिकट पर चर्चा करने के लिए संसदीय बोर्ड की बैठक कभी बुलाई गई? क्या संसदीय बोर्ड का कोई मतलब नहीं है?

रामगोपाल ने कहा कि मुलायम कह रहे हैं कि अन्य राज्यों से लोग अधिवेशन में कैसे पहुंचते। उन्होंने कहा, “आप बताइए कि क्या उप्र से बाहर पार्टी का कोई जनाधार है? विधिक रूप से केवल उप्र में ही पार्टी की मौजूद्गी है। अन्य राज्यों में केवल पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है और वह पूरा होगा। आपातकालीन अधिवेशन ऐसे ही बुलाया जाता है। उसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं की जाती।