मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्ड बांटे। लखनऊ स्थित अपने आवास पर महिलाओं के एक समूह को अखिलेश ने जो कार्ड सौंपे, वे समाजवादी पार्टी के रंग में रंगे थे और उनपर सीएम की फोटो थी। इस योजना के तहत यह राशन कार्ड 3.32 करोड़ लोगों के बीच बांटे जाएंगे। जिन महिलाओं को राशन कार्ड दिया गया, उन्हें 5 किलो चावल या 5 गेंहू के बैग भी मिले। बैग्स पर भी सीएम की तस्वीरें थीं। विपक्षी पार्टियों की आने वाली प्रतिक्रिया को भांपते हुए सीएम ने राशन कार्ड देते हुए कहा, ”सूखे के मामले में उंगली उठी। पैकेटृस लेकर पहुंच गए तो कहा बैग पर फोटो कैसे आ गई। अगर मदद करना चाहते हैं तो लोकतंत्र में जरूरी है कि काम के साथ-साथ, ये भी पता हो कि काम कौन कर रहा है।” अखिलेश ने कहा, ”योजना के तहत, फूड एंड सिविल सप्लाई डिपार्टमेंट को राज्य भर में ऐसे 3.32 करोड़ लोगों के बीच बांटने हैं। यह कार्ड सामान्य से अलग हैं और दूर से देखने पर अच्छे दिखने चाहिए।” अखिलेश ने दावा किया कि उनकी सरकार राज्य में भ्रष्टाचार कम करने की दिशा में काम कर रही है। उन्हाेंने कहा कि समाजवादी पेंशन के वितरण में भ्रष्टाचार का कोई मामला सामने नहीं आया है। पारदर्शिता लाने के लिए मशीनों के इस्तेमाल से जुड़ी एक और योजना 3 नवंबर को लॉन्च की जाएगी।
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भाजपा ने अखिलेश सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है। उसका कहना है कि केन्द्र सरकार की योजनाओं को सही से लागू करने की बजाय, राज्य सरकार राजनीति कर रही है। यूपी बीजेपी के प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा, ”हमें राज्य सरकार के इस कदम पर कड़ी आपत्ति है, जहां राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत दिए जा रहे राशन कार्डों पर मुख्यमंत्री की तस्वीर है। यह केन्द्र की मोदी सरकार है जो यह सुनिश्चित कर रही है कि लगभग 3 करोड़ लोगों को 2 रुपए किलो गेंहू, 3 रुपए किलो चावल और अन्य अनाज एक रुपए किलो मिल सके।” उन्होंने यह भी मांग की कि अगर मुख्यमंत्री की फाेटो छपवानी ही है तो राशन कार्डों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी होनी चाहिए।
Distribution of Ration Cards under the National Food Security Act. pic.twitter.com/dv3CJh5KAB
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 19, 2016